जमशेदपुर: पूर्व राष्ट्रपति और देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का कहना है कि ‘किसी को आगे बढ़ना है तो सपने देखना चाहिए और उस सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए’.
मानगो आजादनगर के रहने वाले शाहिद खान ने कुछ ऐसा ही किया और एक साधारण राजदूत मोटर साइकिल की हैसियत से शुरुआत कर हवाई जहाज कंपनी स्पिरिट एयरवेज के मालिक बन गये. वे अभी इस कंपनी में एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर आसीन हैं और इस हवाई जहाज कंपनी को संचालित कर रहे हैं.
इस कहानी में एक और रोचक पहलू यह है कि उनके पिता मुश्ताक खान केनरा बैंक साकची में अब भी बतौर एकाउंटेंट काम कर रहे हैं और उनके चाचा एजाज खान बाकी सारे बिजनेस को संभाल रहे हैं. ज्वाइंट फैमिली और सपने को सच करने की तमन्ना ने शाहिद खान और उनके परिवार को इस मुकाम तक पहुंचाया है और वे निरंतर ऊंचाइयों को छू रहे हैं.
मानगो आजादनगर निवासी मुश्ताक खान के तीन में से बड़े बेटे शाहिद खान ने जब युवावस्था में पहुंचे तो अपने चाचा एजाज खान के साथ टाटा मोटर्स में जाने लगे. चाचा की एक पेटी कांट्रैक्टरी चल रही थी. शाहिद खान ने बताया कि जब मैं टाटा मोटर्स जाता था, तो गेट देखकर इच्छा जगती कि मेरी भी ऐसी कंपनी क्यों नहीं हो सकती है. काम के दौरान ही चाचा से उन्होंने जिक्र किया. मानगो में एक लेथ मशीन लगायी. इसके बाद पूरे परिवार ने कड़ी मेहनत की और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. परिवार ने मिलकर सरायकेला से लेकर बंगाल और देश के अन्य हिस्सों में अब अपने स्टील का बिजनेस खड़ा कर दिया है. सरायकेला-खरसावां से लेकर कोल्हान के अन्य हिस्से में उनकी कंपनी संचालित हो रही है.