जमशेदपुर: हुसैनी मिशन की ओर से शुक्रवार को मुहर्रम की नवमी पर मातमी जुलूस निकाला गया. पहले तय हुआ था कि यदि दुर्गापूजा विसर्जन का जुलूस नाै बजे तक साकची गाेलक्कर पार नहीं करेगा, ताे वे लाेग एल टाउन तक ही सीमित रहेंगे, लेकिन राेड क्लीयर हाेने पर जुलूस निकला.
शनिवार काे दसवीं के दिन शिया समुदाय के लाेग फाका (उपवास) पर रहेंगे. शाम ढलने के बाद वे कुछ ग्रहण कर मजलिस में शामिल हाेंगे. हुसैनी मिशन जमशेदपुर के अध्यक्ष सय्यद रजा अब्बास रिजवी छब्बन ने बताया कि मातमी जुलूस अरपत रोड साकची से निकलकर गोलचक्कर तक गया. जहां माैलाना माेहम्मद अली जबलपुरी ने कहा कि हुसैन एक नुकतऐ इत्तेहाद है (एकता का बिंदु).
यहां दरे हुसैन पर न कोई हिंदू है न मुसलमान, न शिया है न सुन्नी, न कोई काला है और न कोई गोरा, दरे हुसैन पर सब हुसैनी हैं. सभी हुसैन के नाम पर एक मत हैं, क्योंकि उनकी शहादत ने इसलाम को मजबूत किया, जिसे कयामत तक याद किया जाएगा. हुसैनी मिशन के मातमी जुलूस में शामिल लाेग अपने जिस्म पर प्रहार कर मातम मना रहे थे. जुलूस में काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं.