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मुख्यमंत्री नये प्रस्ताव को वापस लें, नहीं तो सामूहिक इस्तीफा देंगे डॉक्टर फोटो है असंपािदत

मुख्यमंत्री नये प्रस्ताव को वापस लें, नहीं तो सामूहिक इस्तीफा देंगे डॉक्टर फोटो है असंपािदतमुखिया से उपस्थिति पंजी बनाने का अधिकार देने का किया विरोध, चिकित्सक करेंगे आंदोलनक्यों किया जा रहा है विरोध, आइएमए की दलील व मांग : 1. मुखिया का पद राजनीतिक होता है. ऐसे में कई सारे पोस्टमार्टम समेत तमाम केस आते […]

मुख्यमंत्री नये प्रस्ताव को वापस लें, नहीं तो सामूहिक इस्तीफा देंगे डॉक्टर फोटो है असंपािदतमुखिया से उपस्थिति पंजी बनाने का अधिकार देने का किया विरोध, चिकित्सक करेंगे आंदोलनक्यों किया जा रहा है विरोध, आइएमए की दलील व मांग : 1. मुखिया का पद राजनीतिक होता है. ऐसे में कई सारे पोस्टमार्टम समेत तमाम केस आते है, जिसमें मुखिया दबाव देंगे कि अपने हित के लिए काम कराना चाहेंगे. अगर उनके मन मुताबिक काम नहीं किया तो फिर हाजिरी ही काट देंगे या बदमाशी कर देंगे2. जो सेवा शर्त के साथ नौकरी में आये है, उसी के तहत काम कराया जाये. डीसी, बीडीओ, सीओ को जिम्मेवार बनाया जाये3. लगातार चिकित्सकों के साथ मारपीट की घटनाएं हो रही है, उसमें ऐसे में बढ़ोत्तरी हो जायेगी4. अगर मुखिया को ही इसकी समीक्षा करनी है तो फिर क्यों सरकार ने बायोमीट्रिक सिस्टम को लागू की है5. अगर इसका विरोध नहीं हुआ तो सारे एएनएम व अन्य स्वासथ्य कर्मचारी मुखिया के दरवाजे पर ही नजर आयेंगे6. चिकित्सकों का मानसिक और आर्थिक शोषण होगा और साफगोई से काम नहीं कर सकेंगेजमशेदपुर : मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा राज्य के सरकारी चिकित्सकों के लिए निकाले गये नये आदेश का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है. चिकित्सकों की संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) इसको लेकर आंदोलित है और किसी भी हाल में इसको बरदाश्त नहीं करने का फैसला लिया गया. मुख्यमंत्री ने अपने नये आदेश में कहा है कि गांव देहात में पदस्थापित चिकित्सकों को मुखिया से उपस्थिति पंजी की पुष्टि कराना होगा, उसके बाद ही चिकित्सकों को वेतन मिल सकेगा. इसको लेकर आइएमए ने आपात मीटिंग साकची आइएमए बिल्डिंग में की. इस मीटिंग के दौरान यह तय किया गया कि अगर इस फरमान को वापस नहीं लेते है तो वे लोग राज्य भर के चिकित्सकों के साथ मिलकर सामूहिक इस्तीफा देंगे. इसको लेकर शनिवार को आइएमए ने एजीएम बुला दी है. इसके बाद 25 अक्तूबर को एक रैली रांची में निकाली जायेगी, जिसमें मुख्यमंत्री का घेराव किया जायेगा. अगर फिर भी कानून को वापस नहीं लिया गया तो वे लोग सामूहिक इस्तीफा देंगे. इस मीटिंग में महासचिव डॉ मृत्युंजय सिंह, डॉ उमेश खां, डॉ आरपी ठाकुर, डॉ ज्ञान प्रकाश, डॉ सुनिल कुमार समेत काफी संख्या में चिकित्सक मौजूद थे.

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