कई कंपनियों में नहीं हुआ समझौता, कर्मचारी इंतजार में – पूजा शुरू, लेकिन कई कंपनियों में नहीं हुआ है बोनस समझौतासंवाददाता, जमशेदपुरशहर की अधिकांश कंपनी में बोनस समझौता हो चुका है, लेकिन टाटा मोटर्स, टिनप्लेट, टाटा कमिंस, टीएसपीडीएल, जेम्को व टाटा ब्लू स्कोप कर्मचारियों को अब भी बोनस समझौता का इंतजार है. प्रबंधन और यूनियन के बीच जिच को लेकर सहमति नहीं बन रही है. दुर्गापूजा शुरू हो गयी है, लेकिन बोनस नहीं मिलने से इन कंपनियों के कर्मचारी मायूस दिख रहे हैं. टाटा मोटर्स : नहीं बन रही सहमतिटाटा मोटर्स में प्रबंधन व यूनियन के बीच मैराथन वार्ता गुरुवार को हुई फिर भी यह समझौता के स्तर पर नहीं पहुंच सकी है. बोनस वार्ता शुक्रवार को भी होगी, जिसमें समझौता हो जाने के आसार है. ऐसा नहीं हुआ तो कर्मचारियों के बैंक खाते में राशि भेज दी जायेगी. टिनप्लेट : फंस सकता है बोनसयूनियन 20 प्रतिशत तो प्रबंधन 11.25 पर है अड़ीटिनप्लेट कर्मचारियों का बोनस पूजा के बाद मिलने के आसार दिख रहे हैं. बोनस वार्ता में अभी तक यूनियन 20 प्रतिशत, तो प्रबंधन 11.25 प्रतिशत पर अड़ा है. यूनियन अध्यक्ष कोलकाता गये हैं, जो 16 की रात लौटेंगे. कंपनी के एमडी तरुण दागा 17 की सुबह बाहर जा रहे हैं, जो 20 को लौटेंगे. 16 की रात यदि वार्ता नहीं हुई, तो 20 के बाद समझौता होगा. बोनस के लिए एडवांस राशि भेजने का प्रस्ताव प्रबंधन की अोर से आया था, पर यूनियन ने इसे अस्वीकार कर दिया. प्रबंधन का कहना है कि कंपनी 2013-14 में 64 करोड़ के मुनाफा में थी. इस बार 2014-15 में 45 करोड़ मुनाफा हुआ. इसलिए बोनस अधिक नहीं दिया जा सकता है. यूनियन का कहना है कि मुनाफा घटा है, पर उस अनुपात में नहीं है. टिनप्लेट के बोनस फॉर्मूला के अनुसार 12 प्रतिशत प्रॉफिट, 6 प्रतिशत प्रोडक्शन व 2 प्रतिशत प्रोडक्टिवीटी (यील्ड) है. टीएसपीडीएल : यूनियन 20 तो प्रबंधन 12.50 प्रतिशत के फेर मेंटीएसपीडीएल में कई दौर की बोनस वार्ता हो चुकी है, लेकिन समझौैता नहीं हुआ है. यूनियन 20 प्रतिशत बोनस की मांग पर अड़ी है, वहीं प्रबंधन ने 12.50 प्रतिशत का प्रस्ताव दिया है. बोनस पर शुक्रवार को फिर से वार्ता होगी. टाटा कमिंस : कमेटी गठन के बाद ही बोनसटाटा कमिंस में यूनियन की कमेटी बनने के बाद ही बोनस समझौता होने की उम्मीद है. यूनियन की कमेटी बनाने के प्रयास किया जा रहा है. बोनस समझौता में नयी कमेटी ही हस्ताक्षर करेगी. बोनस का फॉर्मूला बना हुआ है, इसलिए वार्ता ज्यादा लंबी नहीं चलेगी. अध्यक्ष राजेंद्र सिंह के रांची या जमशेदपुर आने के पश्चात कमेटी की घोषणा हो जायेगी. अगर कमेटी नहीं बन पाती है, तो बोनस की राशि एडवांस के तौर पर भेज दी जायेगी या अध्यक्ष राजेंद्र सिंह व कमेटी मेंबर के रूप में सभी हस्ताक्षर कर सकते हैं. जेम्को : तार कंपनी समान बोनस की मांगजेम्को में भी बोनस का मामला फंसा हुआ है. जेम्को यूनियन ने प्रबंध निदेशक से कहा है कि जब जेम्को व तार कंपनी का एकाउंट्स, एचआर, परचेज व अन्य को एक कर दिया गया है, तो बोनस का अलग से हिसाब क्यों हो. यूनियन ने प्रबंध निदेशक से कहा है कि यदि जेम्को-तार कंपनी का बोनस अलग-अलग करना है, तो दो वर्ष पूर्व की व्यवस्था लागू की जाये. दोनो कंपनी के विभाग अलग-अलग थे. इस मुद्दे पर पिछले वर्ष बोनस समझौते पर प्रबंधन की ओर से मौखिक सहमति दिये जाने की चरचा है. हालांकि इसे समझौैता नहीं कहा जा सकता. पिछले वर्ष कर्मचारियों को 8.33 प्रतिशत बोनस व 9,000 रुपया एक्सग्रेसिया के रूप में दिया गया था. कंपनी को करीब एक करोड़ का घाटा हुआ था. इस बार कंपनी करीब 65 लाख के मुनाफे में है.
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कई कंपनियों में नहीं हुआ समझौता, कर्मचारी इंतजार में
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