उपांग ललिता व्रत 17, शांति पंचमी व्रत 18 को जमशेदपुर. आश्विन शुक्ल पंचमी को उपांग ललिता व्रत एवं शांति पंचमी व्रत मनाये जाते हैं. उपांग ललिता व्रत में रात्रि व्यापिनी पंचमी तिथि ली जाती है. वैसे तो पंचमी तिथि शनिवार 17 अक्तूबर को दिवा 10:19 बजे से रविवार, 18 अक्तूबर को दिवा 11:04 बजे तक रहेगी. जिसके कारण उपांग ललिता व्रत 16 अक्तूबर को ही मनाया जायेगा. वैसे शांति पंचमी में उदया तिथि युक्त पंचमी ली जाती है, इसलिए शांति पंचमी व्रत रविवार, 18 अक्तूबर को होगा.शनिवार को करें देवी ललिता की आराधना (फोटो उपांग ललिता के नाम से सेव है)उपांग ललिता व्रत के लिए व्रतियों को इस दिन स्नानादि से निवृत्त होने के पश्चात व्रत का संकल्प लेना चाहिए. किन्तु इससे पूर्व अपामार्ग (चिचिड़ा) के 21 दातुन लेकर एक-एक दातुन से ‘आयुर्बलमिदम्’ इस मंत्र के साथ दातुन करने के पश्चात स्नान करना चाहिए. इसके पश्चात सफेद वस्त्र धारण कर धातु (यथासंभव स्वर्ण, चांदी, ताम्र, पीतल) निर्मित देवी ललिता की प्रतिमा का यथा प्राप्त उपचार विधि से पूजन करना चाहिए. रात्रि काल में चंद्र दर्शन कर चंद्रमा को अर्घ देते हुए नक्त व्रत करना चाहिए. इसके पश्चात दूसरे दिन देवी का विसर्जन करने का प्रावधान है. इस व्रत का पश्चिमी भारत (विशेष कर महाराष्ट्र) में अधिक चलन है. इस दिन चंद्रमा प्रात: 9:07:33 बजे उदित होगा तथा रात्रि 8:29:58 बजे अस्त होगा. इसलिए व्रती को संध्या 5:18 बजे से लेकर रात्रि 8:29 बजे से पूर्व तक चंद्रमा को अर्घ अावश्यक है .क्या है अपामार्ग (फोटो अपामार्ग के नाम से सेव है)अपामार्ग एक कांटेदार पौधा है जिसे चिचिड़ा भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार अपामार्ग की जड़ में गंगा का वास माना गया है. उपांग ललिता व्रत के अलावा ऋषि पंचमी आदि व्रतों में भी इसी के दातुन से मुंह धोने का विधान है.——————————–शांति पंचमी व्रत 18 को शांति पंचमी व्रत में चूंकि उदया तिथि ली जाती है, जो इस वर्ष हमें आगामी 18 अक्तूबर को प्राप्त हो रही है. इसलिए यह व्रत 18 अक्तूबर को ही संपन्न होगा. इस व्रत के लिए व्रती को प्रात: स्नानादि के पश्चात वेदी अथवा चौकी पर सफेद वस्त्र बिछा कर उसके ऊपर हरे एवं कोमल कुश के 12 नाग एवं एक इंद्राणी बना कर स्थापित करें. इंद्राणी को जल तथा नागों को घी, दूध एवं जल से स्नान कराने के पश्चात उनका गंध-पुष्पादि से पूजन करें. इसके पश्चात नाग देवता से अपने परिजनों की रक्षा के लिए प्रार्थना करें. इस प्रकार हर माह में शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को कुश निर्मित 12 नागों में से आश्विन में अनंत, कार्तिक में वासुकी, मार्गशीर्ष में शंक, पौष में पद्म, माघ में कंबल, फाल्गुन में करकोट, चैत्र में अश्वतर, वैशाख में शंखपाल, ज्येष्ठ में कालिया, आषाढ़ में तक्षक, श्रावण में पिंगल एवं भाद्रपद में महानाव नामक नाग का शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पूजन करें. इसे करने से सर्पादि का भय दूर होता है तथा घर में शांति बनी रहती है. पूजन के अगले दिन नाग का नदी में विसर्जन कर दें.
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उपांग ललिता व्रत 17, शांति पंचमी व्रत 18 को
उपांग ललिता व्रत 17, शांति पंचमी व्रत 18 को जमशेदपुर. आश्विन शुक्ल पंचमी को उपांग ललिता व्रत एवं शांति पंचमी व्रत मनाये जाते हैं. उपांग ललिता व्रत में रात्रि व्यापिनी पंचमी तिथि ली जाती है. वैसे तो पंचमी तिथि शनिवार 17 अक्तूबर को दिवा 10:19 बजे से रविवार, 18 अक्तूबर को दिवा 11:04 बजे तक […]
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