27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दो साल में मिठाई पर खर्च हुए प्त1,11,255

दो साल में मिठाई पर खर्च हुए ~1,11,255 को-ऑपरेटिव कॉलेज. डॉ आरके दास मामले में जांच टीम की रिपोर्ट में हुआ खुलासावरीय संवाददाता, जमशेदपुरपू्व प्राचार्य डॉ आरके दास के कार्यकाल में को-ऑपरेटिव कॉलेज में वित्तीय अनियमितता की कलई अब खुलने लगी है. इस मामले में जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में ऐसे कई मामलों का […]

दो साल में मिठाई पर खर्च हुए ~1,11,255 को-ऑपरेटिव कॉलेज. डॉ आरके दास मामले में जांच टीम की रिपोर्ट में हुआ खुलासावरीय संवाददाता, जमशेदपुरपू्व प्राचार्य डॉ आरके दास के कार्यकाल में को-ऑपरेटिव कॉलेज में वित्तीय अनियमितता की कलई अब खुलने लगी है. इस मामले में जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में ऐसे कई मामलों का खुलासा किया है, जिसमें डॉ दास समेत उनके विश्वस्त मानेजाने वाले शिक्षक व कर्मचारियों की संलिप्तता बतायी गयी है. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013 व 2014 में एक 1,11,255 रुपये की मिठाई व नाश्ता पर खर्च किया गया है. यह भुगतान एक ही आपूर्तिकर्ता को किया गया है. इन दोनों वर्षों के दौरान कॉलेज में ऐसे किसी बड़े कार्यक्रम अथवा सेमिनार का आयोजन नहीं किया गया, जिसमें बड़ी मात्रा में मिठाई व नाश्ते की व्यवस्था करनी पड़ी हो. इन सबके मद्देनजर इसे निधि के विचलन व भुगतान के औचित्य को संदिग्ध बताया गया है.प्राइवेट ट्रस्ट को 37 हजार का भुगतानरिपोर्ट के मुताबिक डॉ दास के द्वारा एक प्राइवेट ट्रस्ट को भी विज्ञापन के रूप में 37 हजार रुपये भुगतान किया गया. वह भी तीन बार में. 13 दिसंबर 2012 को 10 हजार रुपये का भुगतान किया गया. वहीं 11 मार्च 2014 को 12 हजार रुपये और इसी वर्ष में 22 अगस्त को 15 हजार रुपये का भुगतान किया गया. इस भुगतान को गलत एवं कॉलेज फंड का दुरुपयोग बताया गया है.सेवानिवृत्त कर्मी के माध्यम से लाखों का भुगतान व अग्रिमरिपोर्ट के मुताबिक भुगतान, अग्रिम आदि के ऐसे और भी मामले प्रकाश में आये हैं, जिन्हें षड़यंत्र के तहत व्यक्तिगत लाभ से जुड़ा हुआ बताया गया है. गठित आरोप पत्र में भी इसका उल्लेख है. पत्र के मुताबिक विश्वविद्यालय की अनुमति बगैर सेवानिवृत्तकर्मी कुलाकांत झा से कॉलेज में काम लिया गया. उनके माध्यम से लाखों रुपये का भुगतान कराया गया और उन्हें लगातार अग्रिम भी दिया जाता रहा, जिसका समायोजन नहीं किया गया. श्री झा द्वारा किये गये अनेक भुगतान संदिग्ध बताये गये हैं. बताया गया है कि भुगतान वाउचर किसी कर्मचारी या पदाधिकारी द्वारा सत्यापित नहीं हैं.——————————————— उक्त दो वर्षों में मिठाई या नाश्ते पर खर्च की जो बात कही गयी है, वह सिर्फ मैंने नहीं खाया है. परीक्षा कार्य में लगे लोग, फोर्स के लिए नाश्ता आदि के मद में यह खर्च किया गया है. इन सभी मामलों से संबंधित जवाब मैंने विश्वविद्यालय को दे दिया है. हालांकि अभी इन सभी मामलों को लेकर विभागीय कार्रवाई चल रही है. इसलिए कुछ कहना उचित नहीं होगा.डॉ आरके दास, प्राचार्य

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें