वरीय संवाददाता, जमशेदपुर शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में हो बढ़ोतरी रोकने के लिए दो साल पहले किये गये प्रयास का असर दिखने लगा है. इस कड़ी में करीब 11 हजार आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया गया है. ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल और जमशेदजी टाटा ट्रस्ट ने शहर के आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाया था. अप्रैल 2013 से अभियान शुरू किया गया. इसे मार्च 2016 तक पूरा करना है. बारीडीह स्थित बागुननगर में जमशेदपुर डॉग स्टरलाइजेशन सेंटर में ऑपरेशन थियेटर से लेकर तमाम चीजें वर्ल्ड क्लास बनायी गयी. यहां आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया जा रहा है. अप्रैल 2013 में शहर में करीब 25 हजार आवारा कुत्ते थे. अभी भी 14 हजार आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया जाना है. हत्या भी नहीं और नियंत्रण भीइसके तहत कुत्तों की हत्या भी नहीं होती है और जनसंख्या भी नियंत्रित हो जाती है. कुत्तों ने ली थी दो बच्चों की जान शहर में आवारा कुत्तों का आतंक काफी है. इन कुत्तों ने अबतक दो बच्चों की जान ले ली. सिदगोड़ा में एक बच्चे की जान जा चुकी है जबकि एक बच्चे की जान सोनारी में गयी है. इस तरह की घटनाओं के बाद जिला प्रशासन के सहयोग से जुस्को ने यह अभियान शुरू किया.
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दो साल में11 हजार आवारा कुत्तों का बंध्याकरण
वरीय संवाददाता, जमशेदपुर शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में हो बढ़ोतरी रोकने के लिए दो साल पहले किये गये प्रयास का असर दिखने लगा है. इस कड़ी में करीब 11 हजार आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया गया है. ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल और जमशेदजी टाटा ट्रस्ट ने शहर के आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के […]
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