जमशेदपुरः टीएमएच, जीवन और रोटरी क्लब द्वारा संयुक्त रूप से किये गये सर्वेक्षण में जमशेदपुर के 52 फीसदी विद्यार्थियों ने तनाव के लिए अभिभावकों को जिम्मेदार माना है. 60 फीसदी विद्यार्थियों ने तनाव का दूसरा सबसे बड़ा कारण एग्जाम का प्रेशर माना है.किशोर अपने लुक को लेकर कितने संजीदा हैं, यह भी इस सर्वेक्षण में सामने आया है. 50 फीसदी विद्यार्थियों को लुक पर टिप्पणी नागवार गुजरती है, जो उनके अनुसार तनाव का कारण है.
वहीं, 26 फीसदी विद्यार्थियों में टीचर्स के पक्षपात के कारण तनाव होता है. 40 फीसदी नशे को तनाव का कारण मानते हैं. इतने ही छात्र यह भी मानते हैं कि कमजोर सहनशक्ति के कारण वह डिप्रेस्ड होते हैं. 22 फीसदी स्टूडेंट तनाव के कारण खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाने की सोचते हैं, जबकि 22 फीसदी स्टूडेंट तनाव का कारण रोमांस को मानते हैं.
अभिभावक सतर्क रहें
जो नतीजे इस सर्वेक्षण से सामने आये हैं, उससे पेरेंट्स को सतर्क रहने की आवश्यकता है. हालात, माहौल सब कुछ बदल गया है. बच्चे सोच रहे हैं और उनकी सोच का दायरा काफी बड़ा है. लिहाजा हमें उनके अनुरूप माहौल बनाना होगा, ताकि मौजूदा समाज से डिप्रेशन को दूर भगाया जाये.
डॉ संजय कुमार, साइकेट्रिस्ट, टीएमएच