(फोेटो शीतलाष्टमी के नाम से सेव है)सोमवार को है शीतलाष्टमी व्रत जमशेदपुुर : ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी तिथि को शीतलाष्टमी व्रत (पर्युषितान्न) मनाया जाता है. अष्टमी तिथि रविवार (10 मई) की रात्रि 3:00 बजे से आरंभ होकर सोमवार (11 मई) को रात्रि 12:46 बजे तक रहेगी. अष्टमी का सूर्योदय सोमवार 11 मई को होने के कारण उसी दिन शीतलाष्टमी व्रत मनाया जायेगा. इस व्रत का सबसे विशेष महत्व यह है कि एक दिन पूर्व व्रत का संकल्प लेकर व्रत के निमित्त भोग तैयार कर रख दिया जाता है तथा मां को शीतल भोग ही अर्पित किया जाता है. भोग के रूप में मां को वे सभी तैयार खाद्य सामग्रियां अर्पित की जाती हैं जिनका हम सेवन करते हैं. हालांकि इसमें तामसिक भोजन को छोड़ कर नमक रहित, सिर्फ मिष्टान्न ही तैयार कर मां को अगले दिन अर्पित किये जाते हैं. बासी भोग ही चढ़ाने का विधान होने के कारण ही इस पर्व को ‘बसौड़ा’ या ‘पर्युषितान्न’ भी कहा जाता है. इस व्रत को करने तथा उसका भोग ग्रहण करने से चर्म रोगों का निवारण होता है. व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के पश्चात कभी भी किया जा सकता है. इस वर्ष को सालों भर (हर मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी को) करने से फोड़े-फुन्सी आदि के साथ ही शीतला माता के प्रकोप से भी निजात मिलती है
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पर्युषितान्न अर्पित कर पायें शीतला माता का आशीष
(फोेटो शीतलाष्टमी के नाम से सेव है)सोमवार को है शीतलाष्टमी व्रत जमशेदपुुर : ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी तिथि को शीतलाष्टमी व्रत (पर्युषितान्न) मनाया जाता है. अष्टमी तिथि रविवार (10 मई) की रात्रि 3:00 बजे से आरंभ होकर सोमवार (11 मई) को रात्रि 12:46 बजे तक रहेगी. अष्टमी का सूर्योदय सोमवार 11 मई को होने के कारण […]
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