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जानवर काटे, तो तुरंत लगवायें एंटी रेबिज सुई

डॉ नरेंद्र कुमारजनरल फीजिशियनरेबीज की बीमारी, जिसे हायड्रोफोबिया भी कहा जाता है सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है. बिल्ली, कुत्ता व बंदर में यदि उनके लार (स्लाइवा) तक इंफेक्शन आ जाये और वे किसी व्यक्ति को काट ले तो, इंफेक्शन व्यक्ति के अंदर भी आ जाता है. इसे रोकने के लिए पीडि़त को एंटी […]

डॉ नरेंद्र कुमारजनरल फीजिशियनरेबीज की बीमारी, जिसे हायड्रोफोबिया भी कहा जाता है सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है. बिल्ली, कुत्ता व बंदर में यदि उनके लार (स्लाइवा) तक इंफेक्शन आ जाये और वे किसी व्यक्ति को काट ले तो, इंफेक्शन व्यक्ति के अंदर भी आ जाता है. इसे रोकने के लिए पीडि़त को एंटी रेबीज वैक्सीन दिया जाता है. वैक्सीन नहीं दिये जाने पर रेबीज जानलेवा भी साबित हो सकता है. इस बीमारी के होने से व्यक्ति की खाने की नली (वोकल कोर्ड) में मौजूद स्पॉज्म सिकुड़ जाता है. इससे व्यक्ति को शुरुआत में पानी पीने में दिक्कत आती है व बाद में पानी में से डर लगने लगता है. इस बीमारी से बचने के लिए किसी भी जानवर के काटने के तुरंत बाद एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना चाहिए.बीमारी : रेबीज.लक्षण : जानवर के काटने के बाद पानी पीने में दिक्कत आना व पानी से डर लगना. उपाय : जानवर के काटे तो एंटी रेबीज इंजेक्शन तुरंत लगवाएं.

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