फेल हुए विद्यार्थियों को स्कूल प्रबंधन अलग-अलग बुला रहा है. जानकारी के अनुसार करीब 10 विद्याथी एनआइओएस के जरिये बोर्ड परीक्षा में शामिल होने को तैयार हैं. हालांकि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत आठवीं तक बच्चों को फेल नहीं करना है.
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डीबीएमएस: 8वीं के 35 बच्चे फेल
जमशेदपुर: डीबीएमएस इंगलिश स्कूल में आठवीं क्लास में 35 बच्चे फेल हो गये हैं. स्कूल प्रबंधन की ओर से फेल हुए विद्यार्थी और अभिभावकों की काउंसिलिंग की जा रही है. प्रबंधन उक्त बच्चों को सीआइसीएसइ बोर्ड के बजाय एनआइओएस के जरिये नौवीं और दसवीं की परीक्षा देने का सुझाव दे रहा है. फेल हुए विद्यार्थियों […]
जमशेदपुर: डीबीएमएस इंगलिश स्कूल में आठवीं क्लास में 35 बच्चे फेल हो गये हैं. स्कूल प्रबंधन की ओर से फेल हुए विद्यार्थी और अभिभावकों की काउंसिलिंग की जा रही है. प्रबंधन उक्त बच्चों को सीआइसीएसइ बोर्ड के बजाय एनआइओएस के जरिये नौवीं और दसवीं की परीक्षा देने का सुझाव दे रहा है.
क्या कहता है स्कूल प्रबंधन
8 वीं क्लास में 35 बच्चे फेल मामले में स्कूल प्रबंधन समिति के चेयपर्सन बी चंद्रशेखर ने प्रभात खबर से कहा कि ये बच्चे छठी क्लास में भी फेल हुए थे. अभिभावकों ने नियम की दुहाई देकर एक चांस मांगा था. इसके बाद उन्हें सातवीं में प्रोमोट किया गया. वे सातवीं में भी फेल हुए. फिर हंगामा हुआ और आठवीं में प्रोमोट करने की मांग हुई. अब आठवीं में भी यहीं हालत है. एक-एक छात्र इंगलिश के साथ अन्य विषय में फेल हैं. उनके लिए रेमिडियल क्लास भी चलाये गये, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसी वजह से उन्हें बताया जा रहा है कि उनके लिए सिलेबस टफ है. ऐसे में वे एनआइओएस के जरिये नौवीं और दसवीं करें. अगर वे दसवीं में बेहतर करते हैं, तो फिर उन्हें सीआइसीएसइ में एडमिशन दिया जायेगा. बी चंद्रशेखर ने कहा कि कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जिनकी उम्र 16 साल तक हो गयी है.
‘‘आरटीइ के नियमानुसार किसी भी बच्चे को 8 वीं में फेल नहीं किया जा सकता है. इस मामले की शिकायत मिलने पर जांच की जायेगी.
– इंद्र भूषण सिंह, डीएसइ
आरके मिशन : नौवीं के 18 छात्र प्रोमोट
सिदगोड़ा स्थित राम कृष्ण मिशन इंगलिश स्कूल में नौवीं में फेल 32 विद्यार्थियों में से 18 को प्रोमोट कर दिया गया है. अभिभावकों के हंगामा के बाद प्रबंधन ने उनका पक्ष सुना. अभिभावकों ने कहा कि कई ऐसे बच्चे भी हैं, जिन्होंने अपना प्रोजेक्ट वर्क किसी कारण से जमा नहीं किया था. उन्हें अंक नहीं मिला. इसके बाद प्रबंधन ने बच्चों के प्रोजेक्ट वर्क जमा करवाया. इसके बाद 18 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हो गये. प्रबंधन ने पूर्व में इंगलिश के साथ अन्य चार विषयों में 35 फीसदी अंक उत्तीर्ण के लिए अनिवार्य किया था. बाद में इसे घटा कर इंगलिश के अलावा 3 विषयों में 30 फीसदी अंक के साथ पास होना तय किया गया. फेल हुए 14 परीक्षार्थियों को किसी भी हाल में प्रोमोट नहीं करने की बात कही गयी. बताया गया कि उक्त विद्यार्थियों ने कुछ भी नहीं लिखा है. इससे नाराज अभिभावकों ने सिदगोड़ा स्थित स्कूल में हंगामा किया.
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