फोटो13 नोवा 1 – सम्मेलन में उपस्थित जनसमूह.13 नोवा 2 – मंचासीन पदाधिकारी.भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ एकजुट हो रहे ग्रामीणप्रतिनिधि, नोवामुंडीभूूमि अधिग्रहण अध्यादेश को वापस नहीं लिया गया तो किसान विस्थापित होंगे तो वहीं पूंजीपतियों की चांदी कटेगी. इसलिए इस कानून का विरोध करना जरूरी है. पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने जमीन बचाओ समन्वय समिति के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही. बहदा गांव में शुक्रवार को आयोजित सम्मेलन में 40 गांवों के लोगों ने शिरकत की. इस मौके पर आदिवासियों की परंपरागत व्यवस्था टीएनटी, एसपीटी, पेशा कानून व ग्राम सभा, मुंडा-मानकी व्यवस्था की रक्षा के लिए संगठित होकर हक-हुकूक के लिए ग्रामीणों से आवाज बुलंद करने का आह्वान किया. वक्ताओं ने कहा कि यह तभी संभव है जब ग्राम सभा मजबूत होगी. हमारे गांव में हमारा राज कायम हो सकेगा. इसके लिए अज्ञानता व अंधविश्वास को समाप्त कर समाज में शिक्षा की ज्योति जलाना जरूरी है. जोहार संगठन के रमेश जेराई ने ‘ओतेहासा आबुआ, दिकु जारी कारआ’ का नारा दिया. उन्होंने भूमि अधिग्रहण बिल से होने वाले कुप्रभावों के बारे में विस्तार से बताया. इसके अलावा पूर्व मंत्री देवेंद्र नाथ चांपिया, लक्ष्मी सुरेन, जॉन मिरन मुंडा, डेबाराम तुबिड़, रानी तिरिया, गंगाधर लागुरी समेत अनेक लोगों ने संबोधित किया. संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डेबाराम तुबिड़ ने किया. सम्मेलन में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की.
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ओतेहासा आबुआ, दिकु जारी कारआ
फोटो13 नोवा 1 – सम्मेलन में उपस्थित जनसमूह.13 नोवा 2 – मंचासीन पदाधिकारी.भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ एकजुट हो रहे ग्रामीणप्रतिनिधि, नोवामुंडीभूूमि अधिग्रहण अध्यादेश को वापस नहीं लिया गया तो किसान विस्थापित होंगे तो वहीं पूंजीपतियों की चांदी कटेगी. इसलिए इस कानून का विरोध करना जरूरी है. पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने जमीन बचाओ […]
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