जमशेदपुर: मजदूर नेता राकेश्वर पांडेय के द यूनियन सोशल एंड सिक्यूरिटी सर्विसेज ट्रस्ट पर सवाल उठने के बाद पीएफ कमिश्नर ने कोर्ट बैठा दी है. इस मामले में अगली सुनवाई मानगो स्थित पीएफ कार्यालय में सात अगस्त को होगी. पीएफ विभाग में सहायक आयुक्त आइजे सिंह की कोर्ट में सुनवाई होगी.
इस संबंध में ट्रस्ट के सचिव ददन सिंह, कोषाध्यक्ष सुधाकर महतो के अलावा टाटा स्टील के उपाध्यक्ष सुनील भाष्करण, टीएसआरडीएस के वीरेन भुटा, सचिव देवदत्त महंती को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में सुनवाई के दौरान 2005 से 2013 तक की उपस्थिति पंजी, ऑडिट बैलेंस शीट, इफीएफ आसि में जमा किये गये रिटर्न, वेज पेमेंट रजिस्टर, कैशबुक एंड वाउचर, जेनरल लेजर लेकर उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है.
इस संबंध में एलबी गोस्वामी, हरिशचंद्र सबलोक समेत अन्य ने पीएफ कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज करायी थी. उन्होंने बताया था कि वे टीएसआरडीएस में सुरक्षा कर्मी के रूप में कार्यरत थे. वर्ष 2003 में टीएसआरडीएस वर्कर्स यूनियन का अध्यक्ष रहते हुए राकेश्वर पांडेय ने सुरक्षा गार्ड के वीआरएस पर समझौता कराया. इस पर उन्होंने हस्ताक्षर किये. गार्डो को हटाने के बाद सुरक्षा का जिम्मा ट्रस्ट ने संभाल लिया. ट्रस्ट ने फरवरी 2003 से 2012 तक वहां सुरक्षा संबंधी कार्य किया. पिछले दिनों उक्त ट्रस्ट को टीएसआरडीएस प्रबंधन ने हटा दिया. ट्रस्ट को कार्य दिये जाने के दौरान शर्त थी कि वह मजदूरी संबंधी सभी शर्तो का अनुपालन करेगा. इस पर ट्रस्ट ने लिखित स्वीकारनामा दिया था. टीएसआरडीएस के पास पान दुकान चलाने वाले एलबी गोस्वामी ने बताया कि वहां जो गार्ड थे, उन्होंने कई दिन ट्रस्ट के अधीन कार्य किया, लेकिन उन्हें पीएफ के संबंध में कोई राशि भुगतान नहीं की गयी.