अब यह तय होना है कि टाटा स्टील की भूमिका क्या होगी और इंडस्ट्रियल टाउन का दायरा क्या होगा. इसके साथ ही टाटा लीज एरिया का दायरा फिर से पुराने स्तर पर आ जायेगा और करीब 1600 एकड़ जमीन को लीज के अंदर लाकर जितनी भी अवैध बस्तियां हैं, उनको मान्यता दे दी जायेगी.
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सबलीज के साथ मिलेगा अधिकार
जमशेदपुर: जमशेदपुर को इंडस्ट्रियल टाउन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसके लिए सैद्धांतिक तौर पर टाटा स्टील भी तैयार हो चुकी है. कंपनी प्रबंधन ने सरकार के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. इस पर झारखंड सरकार ने भी अपनी सहमति दे दी है. अब यह तय होना है कि टाटा […]
जमशेदपुर: जमशेदपुर को इंडस्ट्रियल टाउन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसके लिए सैद्धांतिक तौर पर टाटा स्टील भी तैयार हो चुकी है. कंपनी प्रबंधन ने सरकार के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. इस पर झारखंड सरकार ने भी अपनी सहमति दे दी है.
राज्य सरकार के स्तर पर और जिला प्रशासन की देखरेख में यह भी तय किया जा रहा है कि टाटा लीज के अधीन रहने वाले लोगों को जमीन का अधिकार भी दिया जाय. इसके लिए तकनीकी जानकारों की मदद ली जा रही है. कोशिश है कि टाटा लीज एरिया के लोगों के साथ ही बस्तियों के लोग जब सबलीज के अधीन आ जायेंगे, तब उनको भी जमीन का अधिकार मिल जायेगा.
रैयतों को लेकर होने वाली परेशानी का हल निकाला गया
प्रावधान के मुताबिक, अगर किसी जमीन को राज्य सरकार अधिग्रहित करती है तो रैयतों को मुआवजा देती है. लेकिन जैसे ही राज्य सरकार इस जमीन को जिस प्रयोजन से लेती है और इसको फिर से वापस ले लेती है तो इस जमीन को कानूनन रैयतों को लौटाना होता है. रैयतों के मामले को उठता देख राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया है. इसको फिर से लीज में लाकर सबलीज अगर कर दिया जाता है तो रैयतों की कोई दावेदारी नहीं होगी.
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