जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह और उनकी टीम के लोग अगर चुनाव जीतकर आ गये तो निश्चित तौर पर और ज्यादा नुकसान करायेगी. यह आशंका जतायी है यूनियन के विपक्षी नेताओं ने.
साकची स्थित रघुनाथ पांडेय के आवास पर रघुनाथ पांडेय व उनकी टीम की महत्वपूर्ण मीटिंग हुई. इस मीटिंग के दौरान यह बताया गया कि कर्मचारियों को वेज रिवीजन में अब तक का सबसे ज्यादा नुकसान कराया गया है. वेज रिवीजन में देरी होने के कारण 31 दिसंबर 2011 को जिसका बेसिक 30 हजार रुपये था, उसको लगभग 1 लाख 70 हजार रुपये का नुकसान हो गया. ऊपर से पर्क और पेंशन नहीं करवाने से कर्मचारियों को लाखों का नुकसान हो गया. पीएफ, टेप्स, एचआरए, यूटिलिटी एलाउंस, वेहिकल मेंटेनेंस एलाउंस, टय़ूशन फीस समेत अन्य एलाउंस का एरियर कर्माचरियों को नहीं मिल रहा है. इन लोगों ने आरोप लगाया कि पीएन सिंह द्वारा बोनस का गैर जिम्मेदाराना समझौता भी कर दिया गया. जिससे तीन साल के एरियर का बोनस नहीं मिलेगा. उदाहरण के तौर पर सिर्फ नाइट शिफ्ट एलाउंस में 9300 रुपये का नुकसान हो गया. यहीं नहीं एडीएमएच, नवजीवन, स्टील सिटी प्रेस, एसडब्ल्यूडब्ल्यूएस, को-ऑपरेटिव सोसाइटी और अन्य सोसाइटी का ग्रेड रिवीजन अब तक नहीं हो पाया. पीएन सिंह और उनकी टीम ने कैंटीन आउटसोर्स करने के लिए अपनी सहमति दे दी, जिसके तहत सेंट्रल किचेन बनकर तैयार है.
पीएन सिंह व उनकी टीम की सहमति से टय़ूब डिवीजन के कर्माचरियों को सरप्लस कर दिया गया और कोक प्लांट बैटरी नंबर 3 बंद कर दिया गया. सेवानिवृति के बाद कर्मचारियों को मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए 75 फीसदी पैसा लगेगा. इसके लिए भी इन लोगों द्वारा सहमति दे दी गयी है जबकि रिटायरमेंट के बाद ही इसकी ज्यादा जरूरत होती है. सुपरवाइजरों को ग्रोथ के मामले में धोखा दिया गया जबकि होम्योपैथी डिस्पेंसरी में इलाज नि:शुल्क था, जिस पर 15 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया गया.
सीनियरिटी से बहाली कराने का दावा करने वाले पीएन सिंह बहाली ही नहीं करा पाये. इस मीटिंग में मुख्य रुप से शैलेश सिंह, अरविंद पांडेय, सीएस झा, सीबी सिंह, टीएन ठाकुर, गुलाम मोइनुद्दीन, नवकांत झा, एके सिन्हा, रोहित, अनिल तिवारी, आरके रेड्डी, भीम, त्रिवेणी प्रसाद, नागेंद्र सिंह, विमल समेत कई अन्य लोग मौजूद थे.