जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव को लेकर वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के साथ यूनियन के दोनों पक्ष की बैठक में अंतत: इस बात पर सहमति बनी कि चुनाव डीसी-एसपी की देखरेख में होगा तथा इसके लिए महामंत्री बीके डिंडा कोर्ट में लिखकर देंगे.
बैठक में यूनियन के महासचिव बीके डिंडा और डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु, उपाध्यक्ष शहनवाज आलम, कोषाध्यक्ष आर रवि प्रसाद जबकि एचआरएम के चीफ स्तर के अधिकारी बीबी दास, पीएन प्रसाद समेत सारे लोग मौजूद थे. मीटिंग के दौरान यूनियन के दोनों पक्ष से पूछा गया कि वे लोग क्या चाहते है. वीपी एचआरएम ने स्पष्ट कह दिया कि वे दो स्तर पर चुनाव नहीं होने देंगे और किसी तरह की कोई मान्यता या सहयोग भी नहीं दे सकते है.
इस पर संजीव चौधरी टुन्नु ने प्रस्ताव दिया कि मैनेजमेंट ही निर्णायक की भूमिका निभाये ताकि कर्मचारियों का पैसा भी बच जाये और चुनाव की वैधानिकता पर भी सवाल न उठे. इस पर वीपी एचआरएम ने कहा कि मैनेजमेंट को यूनियन के चुनाव से मतलब नहीं है. मैनेजमेंट कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा. वीपी एचआरएम ने आग्रह किया कि कोर्ट का फैसला आ जाये तो डीसी व एसपी की देखरेख में चुनाव करा दिया जाये. इस पर संजीव चौधरी टुन्नू ने कहा कि सत्ता पक्ष की तरफ से महामंत्री पहले से ही अधिकृत थे.
अगर वो चाहे तो यूनियन की ओर से लिखकर दे दें कि डीसी व एसपी की देखरेख में वे लोग चुनाव चाहते हैं तो हम लोग भी तैयार है. उन्होंने कर्मचारियों के 60 से 80 लाख रुपये तक अतिरिक्त खर्च की बात उठायी. अंत में तय हुआ कि महामंत्री बीके डिंडा कोर्ट में लिखकर देंगे कि डीसी व एसपी की देखरेख में चुनाव कराया जाये, जिसके बाद चुनाव होगा. इस पर मैनेजमेंट की ओर से कहा गया कि अगर प्रशासन चुनाव कराता है तो हर संभव सहयोग करने को वे लोग तैयार है. इधर, टाटा वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि डीसी व एसपी की देखरेख पर चुनाव होने पर मजदूरों का पैसा फिर बरबाद होगा.