जमशेदपुरः शहर को मनोरंजन देने वाला यूनाइटेड क्लब ने सौ साल पूरे कर लिये हैं. यह हेरीटेज भवन की कतार में आ खड़ा हुआ है. 1913 में मनोरंजन और सामाजिक क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के लिए सी रोड डायरेक्टर्स बंगला के सामने एक टाटा इंस्टीट्यूट बनाया गया.
इसकी सदस्यता सबों के लिए थी. उस वक्त वेतन के आधार पर 50 पैसे (आठ आना) से लेकर पांच रुपये तक सदस्यता तय की गयी थई. वर्ष 1918 तक सदस्यों की संख्या 145 हो गयी. उस वक्त सोशल वेलफेयर वर्क के तहत हेराल्ड मान की रिपोर्ट में यह देखा गया कि टाटा इंस्टीट्यूट जिसे टाउन हॉल भी कहा जाता था, सभी मनोरंजनपूर्ण सुविधाओं से परिपूर्ण था. उस समय क्लब में एक टेनिस कोर्ट था और एक काफी बड़ा मैदान था, जहां फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट आदि खेल हुआ करते थे. द्वितीय विश्व युद्ध के समय स्वीमिंग पुल बनना शुरू हुआ और 1946 में तैयार हो गया. 7 मई 1948 को टाउन हॉल का नाम बदलकर यूनाइटेड क्लब रखा गया. क्लब के संस्थापक जेआरडी टाटा रहे हैं. शहर में चलने वाले छोटानागपुर रेजिमेंट क्लब और दूसरा जमशेदपुर क्लब के सदस्यंो को टाउन हॉल में समायोजित कर एक क्लब बना दिया गया. इसके बाद इसका नाम यूनाइटेड क्लब रखा गया. महात्मा गांधी ने एक सभा को टाउन हॉल के बरामदे में संबोधित किया था. 1948 के बाद क्लब में सदस्यों की संख्या बढ़ी, सुविधाएं बढ़ी. फिल्मों का प्रसारण शुरू हो गया. लाइब्रेरी से लेकर तमाम सुविधाएं शुरू हो गयी. पर्व त्योहार में रंगारंग कार्यक्रम की शुरुआत हुई.आज भी यह अपनी गरिमा और अनुशासन बनाये हुए है. इसमें बड़े-बड़े आयोजन होते रहे हैं. इसका अपना गेस्ट हाउस भी है. यहां कई चीजें शुरू हो चुकी हैैं.
क्लब का इतिहास
| महात्मा गांधी ने यहां सभा को किया था संबोधित
| जेआरडी टाटा संस्थापक रहे हैं
| दो क्लबों के समायोजन के बाद टाटा इंस्टीच्यूट टाउन हॉल का नाम यूनाइटेड क्लब हुआ
| पहले 145 ही सदस्य थे
वर्तमान स्थिति
| दो हजार से ज्यादा सदस्य हैं
| सदस्यता शुल्क दो लाख रुपये तक
| अब यहां फिल्म, स्वीमिंग, खाना, रेस्टोरेंट, बॉलिंग एले, पिकनिक स्पॉट, पार्टी स्पॉट से लेकर तमाम व्यवस्था है
| क्लब ने अपना गेस्ट हाउस भी बना लिया है