जमशेदपुर : जमाखोरों, मुनाफाखोरों व कालाबाजारी करने वालों की ओर से ध्यान भटकाने और आम जनता को राहत का डोज देने के नाम पर प्रशासन व बाजार समिति द्वारा खोले गये जन सुविधा केंद्र एक के बाद एक बंद हो रहे हैं. जबकि जन सुविधा केंद्र राहत की जगह आम जन के लिए आफत बनते जा रहे हैं. बाजार समिति की उपेक्षा के कारण ऐसे हालात बन रहे हैं.
जन सुविधा केंद्र के संचालक बाजार समिति पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं, उनका कहना है कि सुविधा केंद्र में छांट कर माल नहीं लेने के अनुमति होने के कारण लोग यहां से खरीदना पसंद नहीं कर रहे हैं. कम कीमत में माल बेचना और बिक्री नहीं होने पर माल खराब होने का भय रहता है. ऐसे में इसका लाभ सीधा अन्य दुकानदार को हो रहा है. वह आसानी से अधिक कीमत पर माल भी बेच रहे हैं व लोग यहां आसानी से खरीद भी रहे हैं. इस तरह कहा जा सकता है कि जन सुविधा केंद्र के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है.
जन सुविधा केंद्र चलाने में कृषि उत्पादन बाजार समिति विफल है. सुविधा केंद्र खुले एक सप्ताह भी नहीं हुआ कि तीन जन सुविधा केंद्र बंद हो गये. सुविधा केंद्र का फेल होना बाजार समिति व प्रशासन पर सवाल उठाता है. बाजार समिति के अनुसार शहर में विभिन्न जगहों पर 20 सुविधा केंद्र खेल गये थे, जबकि हकीकत यह है कि कई सुविधा केंद्र केवल कागज पर ही खुले. समिति का कहना है कि 20 केंद्र खोले गये हैं, जबकि पणन सचिव के अनुसार 21 केंद्र खोले गये थे. तीन जन सुविधा केंद्र बंद होने संबंधी पूछे जाने पर उन्होंने कहा मुङो जानकारी नहीं है.