जमशेदपुर: लोयोला स्कूल की छात्र आकांक्षा को ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट ( एआइपीएमटी ) में पूरे देश में 44 वां और झारखंड में छठा स्थान हासिल हुआ है. आदित्यपुर एमआइजी की रहने वाली आकांक्षा ने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की है. वह अच्छे रैंक मिलने के प्रति आश्वस्त थी.
12वीं की परीक्षा में उसे 97.5 फीसदी अंक हासिल हुए थे. आइएससी की परीक्षा में आकांक्षा को सर्वाधिक अंक हासिल हुए थे. आकांक्षा के पिता विनय कुमार इंश्योरेंस सेक्टर में हैं जबकि मां नीला गृहिणी हैं. बड़े भाई ऋषभ हरिद्वार में नौकरी करते हैं. आकांक्षा ने आकाश इंस्टीटय़ूट से तैयारी की थी.
दिल्ली एम्स है लक्ष्य
‘प्रभात खबर’ से बातचीत में आकांक्षा ने बताया कि एआइपीएमटी में अच्छे रैंक हासिल होने से वह उत्साहित है लेकिन ज्यादा खुशी तब मिलेगी एम्स (दिल्ली) में दाखिला मिल जाये. इसके लिए आने वाले दिनों में होने वाले काउंसिलिंग के लिए वह खुद को मानसिक रूप से तैयार भी कर रही है.
घर से मिली पूरी आजादी
आकांक्षा ने कहा कि पढ़ाई को लेकर घर में किसी भी सदस्य ने कोई दबाव नहीं बनाया. आकांक्षा के अनुसार परीक्षा की तैयारी को लेकर उसने कोई खास स्ट्रेटजी नहीं बनायी थी. घर में हर दिन चार से पांच घंटे तक पढ़ाई करती थी. इसके साथ-साथ रेगुलर टेस्ट देती और इसके बाद रिवाइज करती थी.
सेवा के लिए चुना मेडिकल
आकांक्षा ने बताया कि वह शुरू से डॉक्टर बनना चाहती थी. कैरियर चुनने के लिए अपने मन की सुनी. परिवार के लोगों की ओर से किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया गया था. उसने कहा कि डॉक्टरी से नोबेल दूसरा पेशा नहीं हो सकता. इस कार्य में सेवा भाव मायने रखता है.
स्ट्रेस को दूर करने का साधन था म्यूजिक
परीक्षा को लेकर होने वाले तनाव को दूर करने के लिए म्यूजिक सुनती, टीवी देखती और कभी-कभी उपन्यास भी पढ़ती थी. अपने जूनियर तथा परीक्षा की तैयारी में लगे छात्र-छात्रओं को संदेश देते हुए आकांक्षा ने कहा कि परीक्षा को लेकर कभी तनाव न लें. जो भी पढ़ें ध्यान से पढ़ें और हर दिन पढ़ें. इस परीक्षा के लिए सबसे जरूरी है कि टेस्ट जरूर देते रहें और पढ़े हुए चैप्टर का रिवाइज करते रहें.