गैरमान्यता प्राप्त स्कूलों से फॉर्म भराने के कारण उत्पन्न हुई स्थिति, बीइइओ को शो-कॉज
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नवोदय में चयनित हुए पांच बच्चों के नामांकन में फंसा मान्यता का पेंच
गैरमान्यता प्राप्त स्कूलों से फॉर्म भराने के कारण उत्पन्न हुई स्थिति, बीइइओ को शो-कॉज अॉनलाइन फार्म भरने वाले बच्चों के दस्तावेज की जांच का सिस्टम नहीं होने से हुई गड़बड़ी जमशेदपुर : जवाहर नवोदय विद्यालय की परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. रिजल्ट जारी होने के बाद इस बार परीक्षा आयोजन की प्रक्रिया […]
अॉनलाइन फार्म भरने वाले बच्चों के दस्तावेज की जांच का सिस्टम नहीं होने से हुई गड़बड़ी
जमशेदपुर : जवाहर नवोदय विद्यालय की परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. रिजल्ट जारी होने के बाद इस बार परीक्षा आयोजन की प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी सामने आयी है. सिर्फ पूर्वी सिंहभूम जिले में पांच ऐसे विद्यार्थियों का चयन हो गया है, जिन्होंने पांचवीं तक की पढ़ाई बगैर मान्यता प्राप्त विद्यालय से की. अब उनके एडमिशन में तकनीकी पेंच फंस गया है. कारण है कि नियमानुसार जवाहर नवोदय विद्यालय की परीक्षा में सिर्फ उन स्कूलों के विद्यार्थी ही शामिल हो सकते हैं जिस स्कूल को मान्यता प्राप्त है अौर वे रेगुलर उक्त स्कूल में पढ़ाई कर रहे हों. अब एडमिशन के लिए बच्चों के चयन हो जाने के बाद भी उनके एडमिशन पर संशय की स्थिति बनी हुई है. गौरतलब है कि इस साल इसमें एडमिशन के लिए 21 अप्रैल को परीक्षा हुई थी,
जिसमें जिले के करीब 7000 परीक्षार्थियों ने 100 सीटों के लिए परीक्षा दी थी. जिला शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार प्रसाद ने अलग-अलग ब्लॉक के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को शो-कॉज कर पूछा है कि आखिर उन्होंने किस परिस्थिति में बगैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के बच्चों को भी नवोदय विद्यालय का फॉर्म भरवा दिया. विभाग इसे घोर लापरवाही मानता है. वहीं प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों ने शो-कॉज के जवाब में खुद को निर्दोष बताया है. उनका कहना है कि जिन बच्चों के मामले में गड़बड़ी हुई है सभी बच्चों ने अॉनलाइन फार्म भरा है अौर अॉनलाइन फार्म भरने वाले बच्चों के दस्तावेज की जांच का कोई सिस्टम नहीं है.
कहां हुई चूक
इस बार जवाहर नवोदय विद्यालय में एडमिशन को लेकर अॉनलाइन के साथ ही अॉफलाइन फाॅर्म भरवाया गया था. अॉफलाइन फाॅर्म भरनेवाले आवेदकों के सभी दस्तावेजों की बीइइअो द्वारा जांच की गयी थी. उस पर उनके हस्ताक्षर भी थे. लेकिन करीब 30 फीसदी से ज्यादा विद्यार्थियों ने अॉनलाइन फॉर्म भर दिये. अॉनलाइन फॉर्म भरने वाले विद्यार्थियों के दस्तावेजों की जांच के लिए कोई चेकिंग प्वाइंट ही नहीं था. फाॅर्म भरने के बाद उम्मीदवारों का एडमिट कार्ड भी निर्गत कर दिया गया. बच्चों ने परीक्षा भी दे दी. अब जब रिजल्ट जारी किया गया तो पाया गया कि वे बगैर मान्यता प्राप्त स्कूल से पढ़ाई कर रहे थे.
जमशेदपुर के उम्मीदवार का रांची में हो गया चयन
गड़बड़ी की कहानी यहीं नहीं खत्म होती है. जांच के उपरांत यह भी पाया गया कि जमशेदपुर के एक बच्चे ने रांची के जवाहर नवोदय विद्यालय में एडमिशन के लिए अॉनलाइन फार्म भर दिया. परीक्षा आयोजन समिति ने उक्त विद्यार्थी का भी एडमिट कार्ड जारी कर दिया अौर उसने परीक्षा देकर परीक्षा पास भी कर ली. जबकि, जवाहर नवोदय विद्यालय की परीक्षा के लिए यह तय किया गया है कि उम्मीदवार जिस जिले में पढ़ाई कर रहा है, उसी जिले के नवोदय विद्यालय के लिए फाॅर्म भर सकता है.
नवोदय विद्यालय में विभाग ने किया पत्राचार
इस परीक्षा में हुई गड़बड़ी के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रिंसिपल को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने परीक्षा आयोजन समिति द्वारा हुई गड़बड़ियों से संबंधित जानकारी दी. साथ ही इस मामले में अपने वरीय अधिकारियों से बात कर जल्द से जल्द कोई ठोस पहल करने को कहा गया है.
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