जमशेदपुर : साकची बाजार में बुधवार को प्रशासन ने अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया. दोपहर बारह बजे से अपराह्न तीन बजे तक चले अभियान में 16 दुकानों के छप्पर, होर्डिंग्स हटाये गये जबकि जलेबी लाइन की तीन अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया. कई दुकानों के बाहर रखा सामान, टेबुल आदि प्रशासन ने जब्त कर […]
जमशेदपुर : साकची बाजार में बुधवार को प्रशासन ने अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया. दोपहर बारह बजे से अपराह्न तीन बजे तक चले अभियान में 16 दुकानों के छप्पर, होर्डिंग्स हटाये गये जबकि जलेबी लाइन की तीन अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया. कई दुकानों के बाहर रखा सामान, टेबुल आदि प्रशासन ने जब्त कर लिया.
दुकान से बाहर सामान रखने वाले 10 दुकानदारों से 14 हजार रुपये जुर्माना भी वसूला गया. अभियान का नेतृत्व जमशेदपुर सीओ महेश्वर महतो कर रहे थे. अभियान में जमशेदपुर अक्षेस के सिटी मैनेजर रंजन पांडेय, टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट के सुनील कुमार, साकची थाना प्रभारी मदन शर्मा व सशस्त्र पुलिस बल शामिल था. अभियान में तीन पोकलेन, दो ट्रक व दर्जनों मजदूरों को लगाया गया था.
अभियान की शुरुआत साकची बसंत सिनेमा चौक के समीप न्यू अल्मुनियम स्टोर्स का छज्जा तोड़कर की गयी. इसके बाद सेठी जनरल स्टोर्स, विजय स्टेशनरी की दुकानों से अतिक्रमण हटाया गया. चंदन मेडिकल काे हाइकोर्ट से स्टे मिला था, इस कारण उसे छोड़कर अभियान चला. जलेबी लाइन में भाटिया परिवार की दुकान व अन्य जलेबी-लड्डू की दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया.
निशाने पर दोबारा अतिक्रमण कर बनीं दुकानें. साकची होटल करनैल के समीप सैरात (बाजार) जमीन पर अतिक्रमण कर दोबारा दुकान बना लेने की शिकायत टाटा स्टील ने दर्ज करायी थी. प्रशासन के निशाने पर दो दर्जन से अधिक ऐसी दुकानें है. बुधवार को अभियान के दौरान कुछ दुकानदारों ने कोर्ट से स्थगन आदेश मिलने की बात कही. सीओ ने कोर्ट के आदेश की प्रति दिखाने की बात कही और पीछे हट गये.
जलेबी लाइन में अभियान का विरोध, लाठी बरसी.
40 वर्ष पुरानी जबेल लाइन में अतिक्रमण हटाने का भाटिया परिवार के युवकों ने विरोध किया. तब पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. हरीश इलेक्ट्रॉनिक के समीप लाठी चार्ज का सिख युवकों ने कड़ा विरोध किया.
हंगामे के बीच अभियान बीच में रुक गया. युवकों ने बिना नोटिस अचानक तोड़फोड़ करने अौर अकारण लाठी चार्ज करने पर दंडाधिकारी, पुलिस व जेएनएसी पदाधिकारी पर मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी. जलेबी लाइन में दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी के समक्ष शासन व नेताओं के विरोध में नारे लगे.