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स्टंटबाजी पर श्रीअकाल तख्त ने लगाया प्रतिबंध

जमशेदपुर : सिख विरासती खेल के प्रदर्शन के दाैरान गतका टीमाें द्वारा की जानेवाली स्टंटबाजी काे पांचाें तख्त के प्रमुखाें ने प्रतिबंधित कर दिया है. स्टंटबाजी के दाैरान पिछले दिनाें कुछ लाेगाें की जान चली गयी. गतका खेल के दाैरान स्टंट दिखाने के क्रम में मुंह में मिट्टी तेल डालकर आग का छल्ला बनाना, सर […]

जमशेदपुर : सिख विरासती खेल के प्रदर्शन के दाैरान गतका टीमाें द्वारा की जानेवाली स्टंटबाजी काे पांचाें तख्त के प्रमुखाें ने प्रतिबंधित कर दिया है. स्टंटबाजी के दाैरान पिछले दिनाें कुछ लाेगाें की जान चली गयी. गतका खेल के दाैरान स्टंट दिखाने के क्रम में मुंह में मिट्टी तेल डालकर आग का छल्ला बनाना, सर पर नारियल रखकर उसे बड़े हथाैड़े से ताेड़ने के क्रम में कुछ युवकाें की माैत हाे गयी.

इन मामलाें की जानकारी मिलने के बाद पंथ सिख साहिबान ने आपातकालीन बैठक कर फैसला लिया. अमृतसर गुरुद्वारा में शुक्रवार काे श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरुबचन सिंह जारी बयान में कहा कि गतका खालसाई विरासत खेल है, जिसका प्रदर्शन कर सिख युवा अपनी शारीरिक क्षमता का परिचय देते हैं, जिन्हें देखकर नगर कीर्तन में शामिल अन्य लाेगाें के बीच एक संदेश जाता है. पिछले कुछ समय से यह देखने काे मिल रहा है कि गतका में स्टंटबाजी का प्रचलन काफी बढ़ गया है, लापरवाही के क्रम में कई लाेगाें की जान भी चली गयी.


जमशेदपुर में सिख गुरुआें के प्रकाश पर्व पर निकलनेवाले नगर कीर्तन में धर्म प्रचार कमेटी अाैर साकची गतका कमेटी द्वारा गतका का प्रदर्शन किया जाता है. धर्म प्रचार कमेटी द्वारा जहां सिखी मर्यादा के तहत गतका में खेलाें का प्रदर्शन किया जाता है, वहीं साकची कमेटी द्वारा गतका में स्टंट किया जा रहा है. मुंह में मिट्टी तेल भर कर आग के छल्ले निकालने आैर माेटर साइकिल पर करतब दिखाने का आदि का प्रदर्शन किया जाता है.
श्री अकाल तख्त सिखाें की सुप्रीम संस्था है. जब वहां से हुक्म जारी हाे गया ताे वह सभी के लिए पत्थर की लकीर है. इसे मानना आैर अमल में लाना हम सभी की जिम्मेदारी है. सिखाें काे सिंह स्वरूप प्रदान करनेवाले दसवें गुरु श्री गुरु गाेबिंद सिंहजी का 351वां प्रकाश पर्व जल्द आयाेजित किया जाना है, इसमें ऐसा काेई स्टंट नहीं हाेगा.
सरदार इंदरजीत सिंह, प्रधान सीजीपीसी
गतका खालसाई खेल है, जिसमें बच्चे-बच्चियां भाग लेकर अपना जोहर दिखाते हैं. जिसे देखकर उत्साह पैदा होता है. सिख विरासती खेल के प्रदर्शन के समय कुछ गतका टीमों द्वारा स्टंटबाजी-बाजीगिरी जानलेवा भी बनती जा रही है. गैर गतकयी आैर जानलेवा स्टंट को देखते हुए सिख बच्चों को इस खालसाई खेल से दूर रखते रहे है. इसे राेकने के लिए फेडरेशन ने श्री अकाल तख्त काे पत्र लिखा था.
सतनाम सिंह गंभीर, प्रमुख पूर्वी भारत, एआइएसएफ

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