जिला प्रशासन को ऐसे भवनों को चिह्नित करने व उसे ध्वस्त करने पर कुल प्राप्त होने वाली भूमि के विवरण के साथ वहां कौन सा भवन बनाया जा सकता है, इसकी जानकारी उपलब्ध कराते हुए प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया है. विभाग का मानना है कि समय-समय पर भवन निर्माण का प्रस्ताव प्राप्त होता है, लेकिन जमीन उपलब्धता की समस्या के कारण योजना का त्वरित क्रियान्वयन नहीं हो पाता है. दूसरी ओर जर्जर भवनों के जीर्णोद्धार में काफी व्यय होता है. जो अलाभकारी साबित होता है.
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भवन निर्माण: जर्जर इमारतों के जीर्णोद्धार के नाम पर नहीं होगी लीपापोती, बनी नयी नीति, पुराने तोड़कर बनाये जायेंगे नये भवन
आदित्यपुर/जमशेदपुर: नये कार्यालय या आवासीय भवनों के निर्माण के संबंध में भवन निर्माण विभाग झारखंड सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. विभाग के सचिव कमल किशोर सोन द्वारा सभी जिलों के उपायुक्त को भेजे गये निर्देश के अनुसार पुराने व जर्जर भवनों को ध्वस्त कर उसी स्थान पर आज की आवश्यकता के अनुरूप नये भवन […]
आदित्यपुर/जमशेदपुर: नये कार्यालय या आवासीय भवनों के निर्माण के संबंध में भवन निर्माण विभाग झारखंड सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. विभाग के सचिव कमल किशोर सोन द्वारा सभी जिलों के उपायुक्त को भेजे गये निर्देश के अनुसार पुराने व जर्जर भवनों को ध्वस्त कर उसी स्थान पर आज की आवश्यकता के अनुरूप नये भवन बनाये जाने का निर्णय लिया गया है.
आदित्यपुर में हैं दर्जनों जर्जर भवन : आदित्यपुर में दर्जनों सरकारी कार्यालय व आवासीय भवन जर्जर हो चुके हैं. इनमें आदित्यपुर व आरआइटी थाना व इनके बैरक, पेयजल व स्वच्छता विभाग के कार्यालय व दर्जनों आवास, राजकीय पॉलीटेक्नीक संस्थान का मुख्य भवन के साथ कक्षाएं, प्रयोगशालाएं व छात्रावास भवन, बिजली विभाग, बीएसएफसी भवन व वन विभाग के भवन शामिल हैं. इन भवनों में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. जिससे काफी जानमाल के नुकसान की आशंका है. इन भवनों के जीर्णोद्धार में भारी राशि व्यय करने के बजाय उन्हें ध्वस्त कर उस स्थान पर नया भवन बन सकता है.
अब तक नहीं बना पॉलीटेक्नीक का भवन : राजकीय पॉलीटेक्नीक संस्थान के जीर्ण-शीर्ण भवन को ध्वस्त कर नया भवन बनाने का निर्णय एक साल पहले लिया गया था, लेकिन अबतक इसका काम नहीं शुरू हुआ है. संस्थान प्रबंधन के अनुसार विभाग को इसके लिए राशि भी आवंटित कर दी गयी है. छात्राओं के लिए अलग से छात्रावास बन रहा है. छात्रों का नया छात्रावास बन चुका है, लेकिन दो सालों में हैंडओवर नहीं हुआ है.
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