जीएसटी काे लेकर 13 काे सिंहभूम चेंबर भवन में हाेटलियर समिति की बैठक, टैक्स कम करने की अपील
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बड़े हाेटलों में भी टैक्स से सात फीसदी तक राहत
जीएसटी काे लेकर 13 काे सिंहभूम चेंबर भवन में हाेटलियर समिति की बैठक, टैक्स कम करने की अपील जमशेदपुर : जीएसटी (गुड्स आैर सर्विस टैक्स) के लागू हाेने के बाद बैंक्वेट आैर हाेटल में शादी-विवाह उत्सव के आयोजन में टैक्स से राहत मिलने वाली है. जीएसटी में बैंक्वेट पर 18 फीसदी टैक्स लगाने का प्रावधान […]
जमशेदपुर : जीएसटी (गुड्स आैर सर्विस टैक्स) के लागू हाेने के बाद बैंक्वेट आैर हाेटल में शादी-विवाह उत्सव के आयोजन में टैक्स से राहत मिलने वाली है. जीएसटी में बैंक्वेट पर 18 फीसदी टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया है, जबकि अभी वैट, सर्विस टैक्स, लग्जरी टैक्स काे मिलाकर 21.5- 25 फीसदी तक का टैक्स हाेटलियर काे चुकाना पड़ता है.
बड़े हाेटलाें में जहां 31.5 प्रतिशत टैक्स चुकाना पड़ता था, वहां अब 28 प्रतिशत टैक्स देना हाेगा. ग्राहकाें काे सीधे सात प्रतिशत का फायदा हाेगा. हाेटल में यदि किसी ग्राहक की बिलिंग 1 लाख रुपये की हुई हाेगी ताे उसे 18 हजार रुपये जीएसटी के रूप में चुकाने हाेंगे, जबकि पहले 25 हजार रुपये देने पड़ते थे. ग्राहक काे सीधे सात हजार रुपये की बचत हाेगी.
जीएसटी का मॉडल जाे हाेगा लागू. फाइव स्टार हाेटल में टैक्स बढ़ता हुअा दिख रहा है. 999 तक के कमराें पर टैक्स नहीं लगेगा. 1000-2499 तक 12 प्रतिशत, 2500-4999 तक 18 प्रतिशत आैर पांच हजार या ज्यादा पर 28 प्रतिशत टैक्स लगेगा. रेस्टाेरेंट, एसी हीटिंग, लीकर सप्लाइ सर्विस है ताे 12 प्रतिशत. लाइसेंस नहीं है लीकर सर्व करने का एसी है या नहीं 18 प्रतिशत. एसी है सेंट्रल हीटिंग है, लीकर लाइसेंस नहीं है ताे 18 प्रतिशत. फाइव स्टार वालाें काे 28 प्रतिशत. सप्लाइ अॉफ फूड 18 प्रतिशत. हाेटल के अंदर फूड-बेवरेज सप्लाइ पर 18 फीसदी. इंटरटेंमेंट इवेंट 28 प्रतिशत टैक्स. हाेटल में लांउड्री स्पा में 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा.
छाेटे हाेटल-रेस्तरां में खाना हाेगा सस्ता
जीएसटी लागू हाेने के बाद छाेटे हाेटल, रेस्तरां आैर ढाबाें में खाना सस्ता हाेगा. टैक्स में दाे-तिहाई तक की बचत हाे सकती है. जीएसटी काउंसिल ने 50 लाख रुपये तक सालाना टर्नआेवर वाले छाेटाे हाेटलाें, रेस्तरां आैर ढाबाें के लिए जीएसटी की दर पांच प्रतिशत तय करने की मंजूरी प्रदान की है. ऐसे हाेटल में खाना खानेवालाें काे पूर्व के सर्विस टैक्स की तुलना में जीएसटी एक तिहाई ही अदा करना हाेगा. फिलहाल सर्विस टैक्स 15 प्रतिशत है, जाे रेस्तरां की बिल राशि पर 40 प्रतिशत लगता है.
हाेटल उद्याेग फलेगा. हाेटल उद्याेग काफी बढ़ेगा, आरंभिक क्षणाें में टैक्स स्लैब बड़ा जरूर दिखायी दे रहा है, लेकिन पूर्व के टैक्साें की गणना करें ताे इसमें 3-7 प्रतिशत की कमी देखने काे मिल रही है. पहले जहां 21.5 प्रतिशत टैक्स लगता था, अब 18 प्रतिशत लगेगा. पांच हजार से अधिक वाले हाेटलाें पर जहां 31.5 प्रतिशत टैक्स हाेता था, उन्हें भी तीन प्रतिशत की छूट देते हुए 28 प्रतिशत किया गया है. इससे पर्यटन काे बढ़ावा मिलेगा.
प्रभाकर सिंह, पूर्व अध्यक्ष, हाेटेलियर एसाेसिएशन, जमशेदपुर
टैक्स पर हाे फिर से विचार. हाेटल उद्याेग से जुड़े लाेगाें ने अप्रैल माह से ही जीएसटी काे लेकर तैयारियां शुरू कर दी थी. हाेटल का सॉफ्टवेयर, एकाउंट सॉफ्टवेयर अप टू डेट किया जा चुका है. रेस्टाेरेंट सॉफ्टवेयर अपग्रेड हाे चुका है. पांच वर्ष पूर्व 10-12 प्रतिशत टैक्स लिया जाता था. इसे बढ़ाकर 18 किया जाने से हाेटल उद्याेग पर असर पड़ेगा. जीएसटी से हाेटल आैर टूरिज्म इंडस्ट्री कुछ परेशान भी दिख रही है. इनका मानना है कि जीएसटी आने पर विदेशी टूरिस्टाें की संख्या पर नेगेटिव असर पड़ सकता है. टैक्स रेट एशियाई देशाें के मुकाबले इंडिया में अधिक है. म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर, इंडाेनेशिया, मलेशिया जैसे देशाें में 5-10 प्रतिशत की रेंज में टैक्स स्लैब हैं. हाेटल इंड्रस्ट्री ने वित्त मंत्रालय काे एक बार फिर से जीएसटी पर लगाये गये टैक्स पर विचार करने की अपील की है.
अनिल खेमका, अध्यक्ष, हाेटलियर एसाेसिएशन, जमशेदपुर
कंपोजीशन स्कीम उन लोगों पर लागू होगी जिनका टर्नओवर एक साल में 50 लाख से कम होगा. वो चाहे तो बिना कोई इनपुट टैक्स क्रेडिट लिए टोटल बिल के ऊपर 2.5 प्रतिशत सीजीएसटी और 2.5 प्रतिशत सीजीएसटी पेमेंट कर के सारी प्रणाली से छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए उनको सिर्फ चार क्वार्टरली रिटर्न जो कि जीएसटीआर 4 में फाइल होगा और एक जो कि जीएसटीआर 9 ए के अंतर्गत फाइल होगा, दाखिल करना होगा.
पवन कुमार पेरीवाल, सीए
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