जांचने नहीं, धमकाने आयी है कमेटी : ग्रामीण
हजारीबाग/केरेडारी : आइजी बोकारो मुरारी लाल मीना और आयुक्त हजारीबाग डॉ नितिन मदन कुलकर्णी की दो सदस्यीय जांच कमेटी ने गुरुवार को केरेडारी में पुलिस फायरिंग की जांच की. वहीं भू–रैयतों ने जांच दल की कार्रवाई पर हंगामा किया.
आरोप लगाया कि जांच दल के काम से ऐसा लग रहा है कि ये लोग जांच करने नहीं, हमें धमकाने आये हैं. मालूम हो कि 23 जुलाई को एनटीपीसी की चट्टीबारियातु की कोल खनन परियोजना के साइड कार्यालय निर्माण का विरोध कर रहे भू रैयतों पर पुलिस फायरिंग में एक की मौत हुई थी. पांच ग्रामीण घायल हुए थे.
डीएसपी ने शांत कराया
डीएसपी सतीश चंद्र झा ने ग्रामीणों को शांत कराया. कहा : अगर भू–रैयतों को गलत लग रहा है, तो वे लिखित आवेदन भी दे सकते हैं. हमारी ओर से धमकी नहीं, छानबीन की जा रही है. हम कानून के दायरे में रह कर जांच कर रहे हैं.
भू रैयतों का बयान लिया
मुख्यमंत्री द्वारा गठित जांच दल ने केरेडारी मुख्यालय पहुंच कर भू रैयतों से घटना के संबंध में जानकारी ली. इससे पहले एनटीपीसी साइड कार्यालय पगार जाकर घटनास्थल को देखा. पुलिस फायरिंग स्थल का निरीक्षण किया. बीडीओ कक्ष में भू–रैयतों से एक–एक कर बयान लिया. डीसी सुनील कुमार व एसपी मनोज कौशिक भी जांच टीम के साथ थे.
केस डायरी मांगी
पुलिस फायरिंग में मृतक केसर महतो के पुत्र तिलक महतो के बयान और घायल कमलनाथ महतो द्वारा दर्ज कराये गये दोनों मामलों में एनटीपीसी के महाप्रबंधक रवींद्र राठी समेत पांच अधिकारी नामजद आरोपी हैं. गुरुवार को इन दोनों मामलों में अग्रिम जमानत के लिए प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश बीबी मंगल मूर्ति के कोर्ट में सुनवाई हुई. जज ने दोनों मामलों से संबंधित केस डायरी मांगी है. अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.
रैयतों ने कहा : टॉर्चर न करें
ग्रामीणों ने दोपहर दो बजे प्रखंड मुख्यालय के पास हंगामा किया. घटना में घायल कमलनाथ महतो ने कहा : जांच नहीं हमें धमकाने के लिए जांच कमेटी आयी है. हमारे बातों को अनसुनी कर रही है. सुरेश महतो ने कहा : जांच दल के काम से ऐसा लग रहा है कि हमें ये लोग भी धमका रहे हैं.
जांच दल के अधिकारियों ने कहा कि पहले जमीन दो, इसके बाद विस्थापन के लिए लड़ाई लड़ो. जमीन दिये नहीं और लड़ने पहुंच गये. ग्रामीणों का कहना था कि बंद कमरे में जांच करना एक तरह से टॉर्चर है.