चरही : विस्थापित ग्रामीण संघर्ष मोरचा फुसरी ने तापीन साउथ परियोजना के सीसीएल अंतर्गत एचएससीएल कंपनी द्वारा आउटसोर्सिग तथा परिवहन कार्य को अनिश्चितकाल के लिए बंद करा दिया है.
विस्थापित ग्रामीण संघर्ष मोरचा ने कहा है कि जब तक 14 सूत्री मांगों को प्रबंधन पूरा नहीं करेगी तब तक अनिश्चितकालीन धरना व प्रदर्शन जारी रहेगा.
क्या है मांगें : विस्थापित प्रभावित बेरोजगार को पहले काम पर रखने, मजदूरों से आठ घंटे ही काम कराने, सभी मजदूरों का नाम फार्म बी तथा डी में चढ़ाने, सेफ्टी के लिए समान देने, निश्चित समय अंतराल पर सायरन बजा कर ब्लास्टिंग करने, सारे मजदूरों का परिचय पत्र बनाने, माइंस के एक्टिव जोन के किनारे बाउंड्री करने, ओवर लोडिंग बंद करने तथा त्रिपाल लगाने, माइंस एवं सड़कों पर पानी का छिड़काव करने, सभी मजदूरों को समय-समय पर प्रशिक्षण देने, स्वच्छ जल पीने की व्यवस्था करने, एक ही तरह के काम के लिए उचित समान वेतन एवं सुविधा मिलने के अलावा अन्य मांगें शामिल हैं.
पहले भी प्रबंधन के साथ हुई थी वार्ता : 14 मई 2012 को प्रबंधन को मांग पत्र दिया गया था. परियोजना कार्यालय में वार्ता भी हुई थी, लेकिन इस पर कोई पहल नहीं हुआ. वार्ता में लेवलिंग का पैसा देने की बात कही गयी थी.
इसमें से मात्र पांच हजार रुपये दिये गये. बाकी मोरचा को नहीं मिला. पांच जून को एचएससीएल ऑफिस में वार्ता हुई थी कि विस्थापितों की मांगे मानी जायेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
बंद में शामिल विस्थापित : मोरचा के अध्यक्ष राम किशोर मुमरू, सचिव मन्नू टुडू, गणोश टुडू, जगदीश मांझी, राजेश हांसदा, संजय मुमरू, धनेश्वर हांसदा, जीवलाल मुमरू, मेहीलाल टुडू, अनिल हेंब्रोम, प्रकाश सोरेन, शांति देवी, सुनील टुडू, राजेंद्र कुमार महतो, अशोक उरांव, मोहन प्रजापति आदि शामिल हैं.