बरही : बरही शहरी जलापूर्ति प्लांट बेकाम का हो गया है. इससे की जानेवाली जलापूर्ति का एक बूंद भी पानी नलों में तीन-चार साल से नहीं आया है. लोग पीने के लिए स्वच्छ पानच्को तरस रहे हैं. चौक पर स्थित एक लाख गैलन क्षमतावाली पानी टंकी चार साल से सूखी पड़ी है. बराकर नदी पर […]
बरही : बरही शहरी जलापूर्ति प्लांट बेकाम का हो गया है. इससे की जानेवाली जलापूर्ति का एक बूंद भी पानी नलों में तीन-चार साल से नहीं आया है. लोग पीने के लिए स्वच्छ पानच्को तरस रहे हैं. चौक पर स्थित एक लाख गैलन क्षमतावाली पानी टंकी चार साल से सूखी पड़ी है. बराकर नदी पर स्थित इसके फिल्टर प्लांट की सारी मशीन जंग खा रही है.
स्थिति यह है कि जलापूर्ति बंद रहने के चलते सार्वजनिक नल स्टैंड पोस्ट टूट-फुट कर जमींदोज हो गये हैं. इनका नमोनिशान भी कहीं मौजूद नहीं है. वहीं प्लांट को ठीक कर जलापूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर जलापूर्ति विभाग उदासीन बना है़
25 सार्वजनिक नालों व 800 घरों में होती थी जलापूर्ति : बरही जलापूर्ति प्लांट से शहरी इलाके के 800 घरों में जलापूर्ति होती थी. इसके अलावा विभिन्न मुहल्लों में 25 जगहों पर स्टैंड पोस्ट अर्थात सार्वजनिक नल लगे थे. शुरू में इनमें नियमित जलापूर्ति होती थी. फिर जलापूर्ति अनियमित हो गयी. लोगों को पानी मिल जाता था.अब तो नलों से एक बूंद भी पानी नहीं मिल रहा है.
नयी जलापूर्ति योजना अधर में लटकी है : पुराना जलापूर्ति प्लांट नाकारा हो गया है वहीं नये जलापूर्ति प्लांट का निर्माण कार्य गत 10 साल से लंबित है. बता दें कि बरही ग्रामीण क्षेत्र के लिए इस नयी जलापूर्ति योजना का निर्माण कार्य डीवीसी के सौजन्य से 10 साल पहले शुरू हुआ था. अभी तक केवल इसका जलमीनार व इंटेकवेल ही पूरा हो पाया है. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है. जलापूर्ति पाइप बिछाने का काम भी पूरा नहीं हो पाया है.
अधिकारियों का वादा नहीं हुआ पूरा : पिछले साल पीएचइडी विभाग के अधिकारियों ने वादा किया था कि पुराने जलापूर्ति प्लांट को मरम्मत कर शीघ्र जलापूर्ति सुनिश्चित कर दी जायेगी. इसके अलावा नवंबर 2018 तक नयी जलापूर्ति प्लांट निर्माण कार्य को पूर्ण कर इससे भी लोगों को पानी देने का दावा किया गया था. मगर अधिकारियों का यह वादा भी खोखला साबित हुआ है.