जेल में बंद महिला कैदियों को किन कारणों से नहीं मिल रहा बेल
हजारीबाग : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष महुआ माजी हजारीबाग केंद्रीय कारा और सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने सदर अस्पताल की गंदगी और दयनीय स्थिति पर नाराजगी जतायी. जबकि जेल में महिलाओं की स्थिति को बेहतर बताया. उन्हें झारक्राफ्ट से जोड़ कर रोजगार उपलब्ध कराया गया है. इसे सराहनीय बताया. जेल में महिलाओं को निर्धारित मापदंडों के साथ सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है. लेकिन जेल में बंद महिलाओं को बेहतर कानूनी सहायता उपलब्ध नहीं हो रहा है.
काफी दिनों से जेल में बंद महिला कैदियों को किन कारणों से बेल नहीं मिल रहा है, इस पर आयोग छानबीन कर उचित कदम उठायेगी.सदर अस्पताल में मरीजों को मच्छरदानी, बेडशीट व आवश्यक दवाइयां की कमी बतायी गयी. वार्ड में अध्यक्ष ने गंदगी देख कर सफाईकर्मी को डांट-फटकार लगाया. डीएस एसआर दांगी को प्रसव कक्ष में हर समय चिकित्सक को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि हजारीबाग, चतरा, गिरिडीह के मरीज आते हैं.
लेकिन व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं मिल पाती है. डीएस ने कहा कि मरीज ज्यादा आते हैं. व्यवस्था कम है. इसके चलते भी मरीजों को समुचित व्यवस्था नहीं उपलब्ध होता है. अध्यक्ष ने कहा कि हॉस्पीटल की कमी के संबंध में मेरे पास पत्रचार करें. हम इस पर कार्रवाई करायेंगे. निरीक्षण में आयोग की सदस्य किरण कुमारी, शबनम परवीन, अमित कुमार, एसडीओ जुगनू मिंज, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी मधुमिता कुमारी समेत आयोग टीम की 10 महिलाएं शामिल थी.
डायन हत्या और महिला तस्करी के मामले अधिक : महिला आयोग की अध्यक्ष महुआ माजी ने सोमवार शाम परिसदन में पत्रकार सम्मेलन किया. उन्होंने कहा कि झारखंड में महिला तस्करी और डायन हत्या के मामले सबसे ज्यादा हैं. राज्य में ट्रैफिकिंग के बाद वापस आयी महिलाओं के पुनर्वास की व्यवस्था होनी चाहिए. सभी जिलों में सेलटर रूम बनाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है. महिला ट्रैफिकिंग पर रोक के लिए राज्य में रोजगार के साधन उपलब्ध होनी चाहिए. महिलाओं को रोजगार मिलेगा तभी महिलाएं काम के लिए महानगरों में नहीं जायेगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं में कानूनी जागरूकता, गांव में चिकित्सा सुविधा मुहैया हो तो डायन हत्या पर रोक लग सकती है.