गुमला. व्यवहार न्यायालय गुमला में पीडीजे सह डालसा अध्यक्ष ध्रुव चंद्र मिश्र के मार्गदर्शन पर राष्ट्रीय लोक अदालत लगायी गयी. लोक अदालत में पीडीजे ने कहा कि लोक अदालत मामलों को सुलझाने का त्वरित व सस्ता प्लेटफॉर्म है. यहां विवाद दोनों पक्षों की सहमति से समाप्त होता है. लोक अदालत से समाप्त मामलों की अपील नहीं होती है. उन्होंने लोगों से इस फोरम का उपयोग अपने मामलों के त्वरित निबटारे के लिए करने का आग्रह किया, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में लगने वाले समय की बचत हो सके. प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय ओमप्रकाश ने कहा कि वर्ष में चार बार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है, जिसका लोग लाभ उठायें. एडीजे प्रथम प्रेम शंकर ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने मामलों को निबटारा कर खुशी-खुशी अपने घर जायें. राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 28031 मामलों का निष्पादन किया गया, जहां 2245 पेंडिंग केसों का निष्पादित किया गया. इसमें कुल 12 करोड़, 42 लाख, 47 हजार, 243 रुपये का राजस्व संग्रह किया गया. इस दौरान उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सह कार्यकारी अध्यक्ष झालसा सुजीत नारायण प्रसाद द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का ऑनलाइन उद्घाटन किया गया. न्यायमूर्ति ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विधिक जागरूकता करते हुए महिलाओं को सशक्त रहने की बात कही. मौके पर एडीजे चार संजीव कुमार भाटिया, सीजीएम मनोरंजन कुमार, एसीजेएम पार्थ सारथी घोष, डालसा सचिव राम कुमार लाल गुप्ता, सिविल जज सीनियर डिवीजन निर्मला बरला, एसडीजेएम पूनम कुमारी, न्यायिक दंडाधिकारी रीमा कुमारी, न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता सोनी, न्यायिक दंडाधिकारी, न्यायिक दंडाधिकारी प्रतिक राज श्रद्धा भूषण, स्थायी लोक अदालत के शंभू सिंह, एलएडीसी डीएन ओहदर, विद्या निधि शर्मा, राजकुमार गुप्ता तथा बैंकों के पदाधिकारी व अन्य विभाग से संबंधित पदाधिकारी व आमजन मौजूद थे.
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