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880 में बिजली व 297 स्कूलों में पानी नहीं

दुर्जय पासवान गुमला : गुमला जिले के 880 स्कूलों में बिजली नहीं है. सबसे बड़ी समस्या पानी की है. विभाग की लापरवाही से अभी तक 297 स्कूलों में पानी की व्यवस्था नहीं है. जिन स्कूलों में पानी की व्यवस्था नहीं है, वहां मध्याह्न भोजन बनाने में परेशानी आ रही है. एक-दो किमी दूर से पानी […]

दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला जिले के 880 स्कूलों में बिजली नहीं है. सबसे बड़ी समस्या पानी की है. विभाग की लापरवाही से अभी तक 297 स्कूलों में पानी की व्यवस्था नहीं है. जिन स्कूलों में पानी की व्यवस्था नहीं है, वहां मध्याह्न भोजन बनाने में परेशानी आ रही है. एक-दो किमी दूर से पानी लाकर भोजन बनाना पड़ता है. पानी के अभाव में शौचालय का उपयोग नहीं हो रहा है. बच्चे पानी पीने के लिए घर व नजदीक के चुआं व कुआं पर जाते हैं.
स्कूलों में पानी व बिजली नहीं है. शिक्षक व बच्चे परेशान हैं. शिक्षा विभाग की माने, तो 1418 स्कूलों में बिजली लगानी है. प्रथम फेज में 860 स्कूलों में बिजली लगाने के लिए स्कूलों को दो करोड़ 81 लाख 25 हजार रुपये आवंटित कर दिये गये हैं. इसमें अभी तक मात्र 538 स्कूल में ही बिजली कनेक्शन लगा है. उसमें एक करोड़ 85 लाख 95 हजार रुपये खर्च हो गये हैं. लेकिन जिन स्कूलों में बिजली लगाने की बात कही जा रही है, वहां भी गोलमाल हुआ है. कमीशन के फेर में जैसे-तैसे बिजली कनेक्शन जोड़ा गया है.
इतने स्कूलों में अभी तक बिजली है : शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, गुमला जिले के 1418 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नया बिजली कनेक्शन लगाना है. इसमें अभी तक मात्र 538 स्कूलों में ही बिजली लगी है. इसमें जारी प्रखंड में 16, बसिया में 42, भरनो में 51, बिशुनपुर में 21, चैनपुर में 27, डुमरी में 39, घाघरा में 70, गुमला में 97, कामडारा में 31, पालकोट में 57, रायडीह में 32 व सिसई प्रखंड में 55 स्कूलों में अभी तक बिजली लगायी गयी है. इसमें स्कूलों ने एक करोड़ 85 लाख 95 हजार रुपये खर्च किया है.
विभाग ने इतने स्कूलों के लिए पैसा मांगा : शिक्षा विभाग ने 618 स्कूलों में इंटर्नल बिजली लगाने के लिए विभाग से पैसा मांगा है. इसमें जारी के 25 स्कूल के लिए 6.80 लाख, बसिया के 42 स्कूल के लिए 11.05 लाख, भरनो के 22 स्कूल के लिए 6.43 लाख, बिशुनपुर के 35 स्कूल के लिए 9.00 लाख, चैनपुर के 72 स्कूल के लिए 18.93 लाख, डुमरी के 47 स्कूल के लिए 11.68 लाख, घाघरा के 34 स्कूल के लिए 8.50 लाख, गुमला के 61 स्कूलों के लिए 16.05 लाख, कामडारा के 64 स्कूलों के लिए 16.03 लाख, पालकोट के 102 स्कूलों के लिए 24.63 लाख, रायडीह के 73 स्कूलों के लिए 18.83 लाख व सिसई के 41 स्कूलों के लिए 10.80 लाख रुपये की मांग की गयी है.
हाल प्राथमिक व मध्य विद्यालयों का
पानी व बिजली से तरस रहे स्कूल, विभाग बेखबर
स्कूलों में इंटर्नल बिजली लगाने के लिए 1.85 करोड़ खर्च
फिर भी बिजली नहीं, 297 स्कूलों में पानी नहीं
भोजन बनाने में परेशानी, बच्चे चुआं का पानी पीते हैं
हाकिम साहब, जरा इधर भी ध्यान दीजिए
गुमला के स्कूलों में पानी व बिजली की समस्या है. शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने में मस्त हैं. बच्चों की समस्या से उन्हें कोई मतलब नहीं है. ऐसे समय में अब सभी की नजर हाकिम साहब (डीसी) पर है. इस गरमी में जिस प्रकार पानी की संकट बढ़ रही है, अब हाकिम साहब ही ध्यान देंगे, तो कुछ कल्याण होगा.
जिन स्कूलों में चापानल नहीं है. वहां नया चापानल लगा कर पानी आपूर्ति के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को कहा गया है. पर अभी तक पेयजल विभाग ने चापानल नहीं लगाया है. कई स्कूलों में चापानल खराब पड़ा है.
गनौरी मिस्त्री, डीएसई गुमला
प्रखंडराशि
जारी 20 06.125
बसिया 50 16.925
भरनो 88 30.275
बिशुनपुर 74 22.750
चैनपुर 49 17.150
डुमरी 43 14.400
घाघरा 128 38.600
गुमला 128 41.425
कामडारा 46 15.900
पालकोट 74 24.125
रायडीह 54 18.925
सिसई 106 34.425
टोटल 860 281.025
पेयजल विभाग का कारनामा
शिक्षा विभाग के अधिकारी कहते हैं: हमलोग चापानल स्कूल परिसर में लगाने के लिए पेयजल विभाग को सूची देते हैं, लेकिन पेयजल विभाग का कारनामा अजीब रहता है. स्कूल की जगह गांव या स्कूल से दूर चापानल लगा दिया जाता है. इस कारण स्कूलों में पानी की किल्लत है. पठारी क्षेत्र के सभी स्कूलों में पानी की समस्या है, क्योंकि पठारी क्षेत्र ड्राई जोन है, जहां चापानल काम नहीं करता है. विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 58 स्कूल ड्राई जोन इलाके में है.
विभाग में इतना फंड नहीं है कि नया चापानललगा सकें. शिक्षा विभाग द्वारा जो मांग की जाती है, उसे किसी प्रकार पूरा कर रहे हैं. नया चापानल के लिए कोई सूची प्राप्त नहीं हुई है. बनालात के 14 स्कूल के लिए चापानल मांगा गया है.
त्रिभुवन बैठा, इइ, पीएचइडी

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