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देखने लायक कई स्पॉट हैं आंजनधाम में
गुमला : आंजनधाम विश्वविख्यात है. यहीं माता अंजनी ने भगवान हनुमान को जन्म दिया था. इस वजह से इसकी ख्याति दूर-दूर तक है. यहां देखने के लिए कई प्राचीन धरोहर हैं. पहाड़ की चोटी पर भगवान हनुमान का मंदिर है. यह पूरे देश का पहला मंदिर होगा. जहां माता अंजनी की गोद में भगवान हनुमान […]
गुमला : आंजनधाम विश्वविख्यात है. यहीं माता अंजनी ने भगवान हनुमान को जन्म दिया था. इस वजह से इसकी ख्याति दूर-दूर तक है. यहां देखने के लिए कई प्राचीन धरोहर हैं. पहाड़ की चोटी पर भगवान हनुमान का मंदिर है. यह पूरे देश का पहला मंदिर होगा. जहां माता अंजनी की गोद में भगवान हनुमान बैठे हुए हैं.
यहां की हसीन वादियां दिल को रोमांचित करती है. इस क्षेत्र के लोग आज भी खुद को हनुमान का वंशज मानते हैं. यह ऋषिमुनियों की तपोभूमि भी रही है. पहाड़ पर स्थित मुख्य मंदिर पर चढ़ने से आसपास के गांवों का नजारा काफी सुंदर लगता है. आसपास काफी घने जंगल व ऊंचे पहाड़ है.
आंजनधाम में क्या देखें : आंजन गांव स्थित मंदिर में अंजनी माता, भगवान हनुमान, राधा कृष्ण, राम लक्ष्मण व सीता समेत भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है. यहां 360 शिवलिंग व उतने ही तालाब हैं.
आंजन पहाड़ी पर स्थित चक्रधारी मंदिर में आठ शिवलिंग दो पंक्तियों में स्थापित है. जिन्हें अष्टांभु कहा जाता है. अष्टांभु के निकट ब्राह्मी सांढ़ व बसहा स्थापित है. चक्रधारी शिवलिंग के अति निकट एक त्रिशूल स्थापित है. मंदिर के नीचे सर्प गुफा है. गुफा में मिट्टी का एक टीला है. वहीं सांप को देखा जाता है. 15 सौ फुट से अधिक लंबे गुफा के अंदर रास्ता है.
कैसे जायें और कहां ठहरें : आंजन गुमला से 21 किमी दूर है. गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क है. गांव के बाद मुख्य मंदिर तक जाने के लिए पथरीला व कच्ची सड़क से होकर गुजरना पड़ता है. वहां जाने के लिए पानी व खाने-पीने का सामान साथ लेकर जाना होगा. यह पूरा इलाका ग्रामीण क्षेत्र है. ठहरने की व्यवस्था नहीं है. गुमला के होटल में रुका जा सकता है. आने-जाने के लिए गाड़ी की सुविधा नहीं है. अपनी सुविधा पर जाना होगा. आंजनधाम जाने पर समय का पूरा ख्याल रखें.
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