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उपेक्षित है तेलंगा खड़िया का पैतृक गांव

* वर्षो पहले आदर्श गांव बनाने की घोषणा की जा चुकी है * गांव में बिजली, पानी, सड़क व शिक्षा की घोर समस्या सिसई : स्वतंत्रता सेनानी वीर शहीद तेलंगा खड़िया के पैतृक गांव मुरगू को कई वर्ष पहले आदर्श ग्राम बनाने की घोषणा की जा चुकी है, लेकिन आज तक गांववालों को मूलभूत सुविधाएं […]

* वर्षो पहले आदर्श गांव बनाने की घोषणा की जा चुकी है

* गांव में बिजली, पानी, सड़क शिक्षा की घोर समस्या

सिसई : स्वतंत्रता सेनानी वीर शहीद तेलंगा खड़िया के पैतृक गांव मुरगू को कई वर्ष पहले आदर्श ग्राम बनाने की घोषणा की जा चुकी है, लेकिन आज तक गांववालों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी जा सकी हैं. गांव में ग्राम सांसद भवन तथा सांस्कृतिक कला केंद्र का निर्माण शुरू हो गया है, लेकिन किसी का ध्यान गांव में पेयजल बिजली की समस्या पर नहीं है.

* जलमीनार है, लेकिन नहीं होता पानी का सप्लाई

शुद्ध पेयजल के लिए पूर्व विधायक दिनेश उरांव की मद से डीप बोरिंग कर पाइप लगायी गयी थी. कुछ दिन पानी सप्लाइ के बाद यह व्यवस्था ठप हो गयी. वहीं पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा मिनी जलमीनार का निर्माण किया गया है. घरघर तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछायी गयी है. लेकिन जलमीनार में लगा स्टेबलाइजर भी चोरी हो जाने से पानी सप्लाइ नहीं हो पा रही है. गांव के करीब पांच सौ परिवार कुएं का पानी पीने को विवश है.


* ट्रांसफारमर
दो महीने से जला हुआ है

गांव में लगा ट्रांसफारमर दो माह से खराब पड़ा है. ट्रांसफारमर का बुश (कोयल) जल गया है. इससे बिजली सप्लाइ बाधित हो गयी है. विभाग के पदाधिकारियों को जानकारी देने पर बुश खोल कर गुमला लाने की बात कही जाती है. इसके चलते गांव में अंधेरा छाये हुए है. इससे पहले गांव में 9 फरवरी को नया ट्रांसफारमर लगाया गया था, जिस दिन तेलंगा खड़िया की जयंती मनायी गयी थी.


* गांव
में स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं

ग्रामीण कांत गिरि, मदन सोनी, पूनम देवी, अनुज राम केवट, प्रशांत कुमार, भोला उरांव, यशोदा देवी, कुसूम देवी, सीमा देवी, राधिका देवी कहती हैं कि गांव में स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं है. भवन बना पर पांच वर्ष बाद भी शुरू नहीं हो पाया. गांव के लोग झोला छाप चिकित्सक तथा झाड़ फूंक का सहारा लेते हैं. सांसद, विधायक केवल स्वतंत्रता सेनानी तेलंगा खड़िया की जयंती पुण्यतिथि मनाने ही पहुंचते हैं. इसके अलावा कभी भी गांव का हाल जानने नहीं आते है.


* गांव
में पीसीसी पथ नहीं

गांव में पीसीसी पथ नहीं है. इससे वर्षा होते ही गलियों में कीचड़ बज बजाने लगता है. मुरगू गांव में उत्क्रमित उच्च विद्यालय है, जहां प्रथम से दसवीं तक पढ़ाई होती है. इस विद्यालय में शिक्षकों का घोर अभाव है. तीन वर्ष पहले विद्यालय को उच्च विद्यालय में तब्दील करने के बाद दो कमरे बनाये गये, लेकिन दोनों कमरों में आज तक पढ़ाई नहीं शुरू की जा सकी. दोनों कमरे जजर्र स्थित में हो गये हैं.


* नारकीय
जीवन जी रहे हैं घाघरा पंचायत के लोग

गुमला : घाघरा पंचायत के लोग नालियों की सफाई होने के कारण नारकीय जिंदगी जीने को विवश हैं. पंचायत के सभी वार्डो में नाली सफाई होने से गंदगी की भरमार है. हल्की बारिश में नालियों का गंदा पानी सीधे सड़कों पर जाता है. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़कों पर बिखरा पड़ा कचरा विभिन्न प्रकार के संक्रमण बीमारियों को आमंत्रित कर रहा है. वहीं सड़कों पर जलजमाव के कारण कच्ची पक्की सड़कों पर बड़ेबड़े गड्ढे बन गये हैं.

नगर पंचायत चुनाव के बाद स्थानीय लोग में इस बात की उम्मीद थी कि जनप्रतिनिधि इस समस्या से उन्हें निजात दिलायेंगे. लेकिन चुनाव जीतने और जनप्रतिनिधियों के बाद वे भी जलजमाव कचरा की समस्या से लोगों को निजात नहीं दिला सके हैं. इस संबंध में मुखिया योगेंद्र भगत ने बताया कि पंचायत में नाली सफाई का अभिलेख तैयार कर गुमला उपविकास आयुक्त को स्वीकृति के लिए भेजा गया था, जिसे स्वीकृत कर दिया गया

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