बताया जाता है कि बुद्दू ने प्रशासन से मौखिक रूप से मुआवजे की मांग की थी. पर कोई मदद नहीं मिलने के कारण वह परेशान था. बुद्दू के बेटे शनि उरांव ने बताया, पिता मंगलवार सुबह चार बजे घर से निकले थे. इसके बाद घर नहीं लौटे. बुधवार सुबह अंबाटोली गांव स्थित दुर्गा उरांव के खेत से उनका शव मिला. सूचना मिलने के बाद प्रशासन की ओर से बुद्दू के परिजनों को 200 किलो चावल दिया गया. डीसी श्रवण साय गांव पहुंचे, परिजनों को 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी.
पत्नी बुधनी उराईन ने रोते हुए बताया, धान जलने के बाद घर में खाने के लिए एक मुट्ठी चावल भी नहीं है. किसी ने मदद नहीं की. मैंने अपने पति को समझाया था, पर मुझे पता नहीं था कि वह अपनी जान दे देंगे. बुद्दू का बड़ा बेटा केश्वर उरांव कमाने के लिए लखनऊ गया है. छोटा बेटा शनि उरांव ने पैसे के अभाव में 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी है. हर साल मजदूरी कर पैसे जमा करते हैं. इसी पैसे से पांच एकड़ खेत में खेती करते हैं. यह इलाका स्पीकर दिनेश उरांव के विधानसभा क्षेत्र में आता है. सूचना के बाद स्पीकर दिनेश उरांव भी गांव पहुंचे. परिजनों से मिल कर मदद का आश्वासन दिया.