गुमला: अक्सर सुनने को मिलता है. सरकारी काम में घूस लगता है. इसमें काफी हद तक सच्चई भी है. घूस मांगने की कई घटना भी घट चुकी है. लेकिन मृत बच्चे को मां के गर्भ से निकालने के लिए भी घूस लिया जाता है, ऐसी घटना गुमला जिले में शायद पहली बार घटी हो़ जब सरकारी व्यवस्था में मृत बच्चे के नाम पर घूस लिया गया. मामला रेफरल अस्पताल सिसई का है. यहां छारदा गांव के विनोद गोप की पत्नी ललिता देवी गर्भवती थी. उसे सुबह सात बजे रेफरल अस्पताल में भरती कराया गया.
नर्स ने प्राथमिक उपचार कर बताया कि प्रसव के दौरान बच्चा मां के पेट में ही पलट गया है और प्रसव के दौरान बच्चे के पैर का हिस्सा निकला हुआ है. लेकिन गर्दन काफी देर तक फंसा हुआ है. ललिता की स्थिति को देखते हुए नर्स ने कहा कि रेफर करना होगा. इस पर भुक्तभोगी विनोद ने नर्सों से कहा कि कोशिश करके देखिये.
नहीं तो हम अपनी पत्नी को दूसरे अस्पताल में ले जायेंगे. नर्सो ने एक घंटा प्रयास करने के बाद बच्चा को बाहर निकाला. लेकिन बच्चा मरा हुआ निकला. उसके बाद मृत बच्चे को नर्स ने उसके पिता को सौंप दिया. इसके बाद विनोद अपनी पत्नी को डिस्चार्ज करा कर घर ले जाने लगा. तो नर्स ने विनोद से कहा कि बच्चा को निकालने में काफी मेहनत करना पड़ा. इसलिए 300 रुपये लगेगा.
विनोद ने अपनी गरीबी का हवाला दिया. लेकिन नर्स नहीं मानी तो विनोद ने दो सौ रुपये नर्स को दे दिया. इसके बाद विनोद पत्नी व बच्चे के शव को ममता वाहन से लेकर घर पहुंचा. लेकिन यहां भी मानवता शर्मशार हुई़ ममता वाहन चालक ने दुख में डूबे पिता से शव पहुंचाने के नाम पर 250 रुपये मांगे. विनोद ने यहां भी कहा कि अरे भाई हमलोग गरीब हैं. पहले से बच्चे की मौत से शोक में है. ऊपर से अवैध पैसा मांग रहे हो. ममता वाहन चालक ने यह कह कर पैसा ले लिया कि हमें सरकार की तरफ से ज्यादा पैसा नहीं मिलता है. इसलिए शव पहुंचाने पर हम पैसा लेते हैं. मजबूरन विनोद ने किसी प्रकार 200 रुपये जुगाड़ कर ममता वाहन चालक को दिया.
मुझे इसकी जानकारी नहीं है. अगर इस प्रकार की घटना घटी है तो यह गंभीर है. इसकी जांच करा कर मैं अवश्य कार्रवाई करूंगा.
डॉक्टर एसएन झा, सीएस गुमला