फिर सामने से घर का दरवाजा खटखटाया. दरवाजा खुला तो साढ़े छह बजे मनोज के पिता राजेश्वर सिंह गेट खोल कर बाहर निकले. एनआइए की टीम ने उनसे कुछ देर तक घर के बाहर बात की. इसके बाद घर के अंदर चले गये. मनोज सिंह के बारे में पूछा तो बताया गया कि मनोज घर पर नहीं है. तब टीम के आला अधिकारी घर के अंदर घुसे और जांच शुरू की. सुबह 10 बजे कुछ पुलिसकर्मी बाहर निकले. फिर एक होटल में जाकर नास्ता पैक कराया. बाहर से नास्ता व पानी के बोतले अंदर ले गये. फिर 12.30 बजे तीन मोटिया मजदूर को अंदर बुलाया गया. एक गैरेज से छेनी व हथौड़ा ले गये. लगातार जांच चली. शाम पांच बजे टीम के अधिकारी अंदर से निकले. रघुनंदन सदन से बाहर निकलते ही सीधे गाड़ी पर बैठ गये. कुछ पत्रकारों ने सवाल किया तो एक अधिकारी ने गाड़ी से हाथ हिलाते हुए कहा हैलो दोस्तों, अभी फिल्म बाकी है. दो-चार दिन ठहरें पूरी फिल्म समझ में आ जायेगी. इसके बाद नो कॉमेंटस कहते हुए निकल गये.
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एनआइए टीम के अधिकारी ने जांच के बाद जाते-जाते कहा अभी फिल्म बाकी है, दो- चार दिन ठहरें
गुमला: नक्सली सुधाकरण की संपत्ति खोज रही एनआइए की आठ सदस्यीय टीम सुबह छह बजे सिसई रोड स्थित मनोज सिंह के आवास रघुनंदन सदन पहुंची. शुरू में टीम के लोगों को पता नहीं था कि मनोज का घर कौन है. बगल की गली से कुछ लोग निकल रहे थे. उनसे मनोज के घर के बारे […]
गुमला: नक्सली सुधाकरण की संपत्ति खोज रही एनआइए की आठ सदस्यीय टीम सुबह छह बजे सिसई रोड स्थित मनोज सिंह के आवास रघुनंदन सदन पहुंची. शुरू में टीम के लोगों को पता नहीं था कि मनोज का घर कौन है. बगल की गली से कुछ लोग निकल रहे थे. उनसे मनोज के घर के बारे में पूछा. जानकारी मिलने के बाद टीम के लोग मनोज के पड़ोसी के घर के मालिक से अनुमति लेकर उनके छत पर चढ़ गये. इसके बाद मनोज सिंह के आवास के छत पर पहुंचे और देखते ही देखते चारों ओर से घर को घेर लिया.
चार कमरों में हुई जांच, लाखों रुपये मिले : एनआइए की टीम ने जांच की तो चार कमरों में जांच के क्रम में पैसा मिला. इसमें मनोज व उसके भाई, पिता व मां के कमरे की जांच की. सभी कमरें से लाखों रुपये मिले. टीम के लोगों ने जांच के क्रम में मनोज की मां के कमरे के सामनों को नहीं छूआ. किसी भी सामान को इधर-उधर नहीं किया. कमरे में गहना था. सिर्फ देखने के बाद उसे छोड़ दिया. अन्य जितने भी कमरे में जांच हुई. सभी में पांच लाख रुपये से अधिक कैश मिला था. परंतु टीम ने पैसा नहीं लिया.
टीम काला रंग का स्कारपियो खोज रही है
एनआइए की टीम ने मनोज के पिता से काले रंग के स्कारपियो के संबंध में पूछताछ की. बताया जा रहा है कि काले रंग की स्कारपियो गाड़ी से ही सुधाकरण कहीं आता-जाता था. इसके अलावा उसी गाड़ी से पैसा व हथियार की भी सप्लाई इधर से उधर किया गया है. सूचना यह भी मिली है कि उसी गाड़ी से सुधाकरण के भाई, पत्नी व सहयोगी भी सफर किये हैं.
स्वर्ग से सुंदर है मनोज सिंह का रघुनंदन सदन
जांच के क्रम में एनआइए की टीम रघुनंदन सदन के अंदर का दृश्य देख कर प्रभावित थे. टीम के अधिकारियों ने कहा कि स्वर्ग से सुंदर है मनोज सिंह का रघुनंदन आवास. अभी तक सिर्फ वीआइपी लोगों का ऐसा घर देखा था. लेकिन गुमला में पहली बार ऐसा घर देखा है. जरूर कुछ बात है तभी इतना सुंदर घर बना है.
प्रभु दयाल के बारे में पूछ रहे थे
मनोज सिंह के पिता राजेश्वर सिंह ने टीम के जाने के बाद प्रभात खबर को बताया कि टीम के लोग आये थे. वे प्रभु दयाल के बारे में पूछ रहे थे. मैंने बताया कि प्रभु हमारे यहां पुल का काम देखता था. पुल निर्माण में उसे देखरेख करने के लिए रखा गया था. इसके बाद सभी कमरों की जांच की. घर के सभी महत्वपूर्ण कागजात टीम के लोग ले गये हैं. राजेश्वर ने यह भी कहा कि सुबह से शाम पांच बजे तक जांच के कारण परेशान रहे. सिर्फ चाय पीकर थे. नास्ता भी नहीं किया है.
दो अधिकारी तेजी से निकले, फिर 20 मिनट में वापस लौटे
दोपहर में अचानक दो अधिकारी मनोज सिंह के घर से तेजी से निकले. इसके बाद गाड़ी में बैठ गये और तेजी से टाॅवर चौक की ओर गये. 20 मिनट के बाद अधिकारी पुन: वापस लौटे और तेजी से घर के अंदर पुन: घुस गये.
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