बाल कल्याण समिति के चेयरमैन शंभु सिंह ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम में दो तरह के बच्चे हैं. एक कानून के उल्लंघन करने वाले बच्चे, दूसरा देखरेख एवं संरक्षण वाले बच्चे. कानून तोड़ने वाले बच्चों की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड स्थायी पीठ की देखरेख एवं संरक्षण वाले बच्चों की सुनवाई बाल कल्याण समिति में होती है. श्री सिंह ने अधिनियम की विस्तृत जानकारी दी. कहा कि मानव तस्करी पर रोक के लिए सभी का सहयोग जरूरी है. सभी के प्रयास से ही इस पर अंकुश लगाया जा सकता है.
पुलिस उपाधीक्षक इंद्रमणि चौधरी ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम का वर्तमान में गुमला में पूर्ण रूपेण पालन किया जा रहा है. एएचटीवी प्रभारी सत्यम कुमार ने कहा कि ट्रैफिकिंग के मामले में बराबर छापामारी की जा
तस्करी से संबंधित मामले को पंजीकृत कर इस पर कार्रवाई की जाती है. इस अवसर पर मुख्य रूप से सीडब्ल्यूसी के सदस्य संजय कुमार भगत, धनंजय मिश्र, डॉ अशोक कुमार मिश्र, कृपा खेस, पीएलवी सोनु देवी, सृजन फाउंडेशन की पुष्पा शर्मा, धर्मपाल कुमार, राजकिशोर दुबे, गोविंद सोरेन, अवध बिहारी सिंह, रंजीत नारायण झा व अशोक सिंह सहित अन्य उपस्थित थे.