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छह माह में मिले एड्स के 18 रोगी

एड्स िदवस . गोड्डा जिले में होंगे कई जागरूकता कार्यक्रम चार गर्भवती माताएं भी शामिल सभी गर्भवती माताओं की एचआइवी जांच जरूरी गोड्डा : एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. आम जनों में जागरूकता के लिए दिवस की महत्ता बतायी जाती है. गुरुवार को सिविल सर्जन कार्यालय परिसर से सुबह दस बजे […]

एड्स िदवस . गोड्डा जिले में होंगे कई जागरूकता कार्यक्रम

चार गर्भवती माताएं भी शामिल
सभी गर्भवती माताओं की एचआइवी जांच जरूरी
गोड्डा : एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. आम जनों में जागरूकता के लिए दिवस की महत्ता बतायी जाती है. गुरुवार को सिविल सर्जन कार्यालय परिसर से सुबह दस बजे शहर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक जागरूकता रैली निकाल कर आम जनों को जागरूक करने का काम किया जायेगा. गोड्डा सदर अस्पताल परिसर में एकीकृत परामर्श एवं जांच केंद्र में एचआईवी की जांच की जाती है. केंद्र में लैब टेक्नीशियन अभिलाष राज व एएनएम अंजू कुमारी द्वारा लोगों को परामर्श दिया जाता है. बताया गया कि छह माह के दौरान 35 सौ लोगों का एचआईवी टेस्ट किया गया. जिसमें 18 पॉजिटीव मिले हैं.
दिन प्रतिदिन एचआइवी रोगियों की संख्या बढ़ रही है. सबसे आश्चर्य की बात ये है कि गर्भवती माता भी एचआईवी पॉजिटीव मिल रही है. छह माह के दौरान 18 पॉजिटीव केस में 4 गर्भवती माता को पॉजिटीव पाया गया है. गर्भवती माताओं में इस तरह की बात सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के उच्च स्तरीय अधिकारी के निर्देश पर समस्त एएनएम को एचआईवी की रूटिंग जांच करने का निर्देश दिया गया है. टीकाकरण कार्य के दौरान एएनएम द्वारा गर्भवती माताओं का टेस्ट किया जा रहा है. संभावना होने पर एएनएम गर्भवती माता को बेहतर जांच के लिए आईसीटीसी, सदर अस्पताल भेजती है.
गर्भवती माताओं की जांच अनिवार्य
बताया गया कि गर्भवती माता की जांच अब अनिवार्य कर दी गयी है. गर्भवती माता एचआईवी पॉजिटीव रहने से शिशु में पॉजिटीव होने का खतरा रहता है. जांच के बाद संबंधित गर्भवती माता को दवा का सेवन कराये जाने से शिशु में कम इनफे क्शन का खतरा रहता है. एचआईवी पीड़ित को क्षतिपूर्ति छह सौ रूपया दिये जाने को लेकर प्रक्रिया की जा रही है. बहुत जल्द उपायुक्त कार्यालय की ओर से क्षतिपूर्ति राशि देने की प्रक्रिया शुरू होगी.
देवघर एआरटी सेंटर से मिलती है दवा
बताया गया कि आईसीटीसी सेंटर में जांचोपरांत पॉजिटीव निकलने पर संबंधित व्यक्ति व महिला को दवा लेने के लिए देवघर एआरटी सेंटर भेजा जाता है. जिसमें पॉजिटीव पाया जाता है उसे जिंदगी भर दवा का सेवन करना होता है.

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