गोड्डा : गोड्डा जिले में पशु तस्करी धड़ल्ले से किया जा रहा है. मवेशियों को सुंदरपहाड़ी थाना हुए पाकुड़ और फिर पश्चिम बंगाल टपाया जाता है. इनलोगों को प्रमुख बाजार बंका हाट है. वहां से हजारों की संख्या में मवेशियों की खरीदारी कर तस्कर करते हैं. इनमें अधिकांश मवेशी दुधारू होते हैं. शनिवार को कई […]
गोड्डा : गोड्डा जिले में पशु तस्करी धड़ल्ले से किया जा रहा है. मवेशियों को सुंदरपहाड़ी थाना हुए पाकुड़ और फिर पश्चिम बंगाल टपाया जाता है. इनलोगों को प्रमुख बाजार बंका हाट है. वहां से हजारों की संख्या में मवेशियों की खरीदारी कर तस्कर करते हैं. इनमें अधिकांश मवेशी दुधारू होते हैं.
शनिवार को कई जत्थों में हजारों मवेशियों को पशु माफिया बंगाल ले गये.सूत्रों की मानें तो मवेशियों काे बंगाल टपाने में पांच थाना को मैनेज करना पड़ता है. इसमें सुंदरपहाड़ी के अलावा हिरणपुर, धुलियान, कोटालपोखर, फरक्का, मालदा आदि है. पहले मवेशियों को बिना वाहन के ही सुंदरपहाड़ी होकर चार पांच थाना टपाया जाता है. इसके बाद मवेशियों का खैप बंगाल भेजा जाता है.
मामले से प्रशासन अंजान
बंका हाट से सुंदरपहाड़ी मुख्य मार्ग के रास्ते मवेशी जाने के बाद भी प्रशासन पूरी तरह से अंजान बना हुआ है. संबंधित थाना को इसकी जानकारी तक नहीं है. शनिवार को दिन के करीब एक से चार बजे के बीच हजारों मवेशियों को टपाया गया.
शरीर पर लिखा रहता है कोड
बंका हाट से मवेशी की खरीदारी करने के बाद माफिया लाल काला रंग से एबीसीडी. जीएचआइजे आदि कोर्ड मवेशी के शरीर में लिख देते हैं. ताकि बंगाल पहुंचने के बाद गाय की पहचान हो सके. कि कौन सा मवेशी की खरीदारी किसने की है.
बोलेरो व स्कॉरपियो से बंका हाट पहुंचते हैं माफिया
पशु खरीदने वाले माफियाओं की टोली है. बोलेरो व स्कॉरपियो से बंगाल से बंका हाट पहुंचते हैं. आसपास माफियाओं का जमावड़ा रहता है. मवेशी की खरीदारी कर हांककर व खदेड़कर करीब डेढ किमी लेकर जाने का कार्य अलग लोगों के जिम्मे रहता है.
पशु तस्करी के मामले को लेकर पुलिस गंभीर है. शिकायत मिलने पर कार्रवाई होती है. पशु तस्करों को कई बार खदेड़ा गया है. बंका हाट मामले में शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी.
– राजेश कुमार, थानेदार