संवाददाता, गोड्डास्थानीय नगर भवन में दो दिवसीय आनंद मार्ग के महाधर्म सम्मेलन के अंतिम दिन शहर में पदयात्रा निकाली गयी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह आनंद मार्ग संस्था अध्यक्ष किंसुक रंजन सरकार ने कहा कि साध्य, साधक तथा साधन और साधक की स्थिति अनिवार्य है. साध्य अर्थात लक्ष्य केवल पूर्ण सत्ता ही हो सकती है. जो स्वयं पूर्ण है दूसरों को पूर्ण बनाने में सक्षम है. अर्थात परमात्मा का स्वरूप है. परमात्मा ही वास्तविक गुरु है जो हमे शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक परेशानियों से दूर करता है. इस दौरान संगीत कार्यक्रम की प्रस्तुति बोलपुर से आये कलाकारों द्वारा दी गयी. जिसमें आनंद श्री द्वारा रचित 5018 गीत में से सौ से अधिक गीतों की प्रस्तुति की गयी. कार्यक्रम में मुख्य रूप से दीदी अवधूतिका, आनंद गरितिका, आनंद प्रज्ञा, जगतानंद, सूतीर्थानंद, प्रिय कृष्णानंद आदि उपस्थित थे. ———————————–तसवीर-22 एवं 23 में तस्वीर कार्यक्रम के दौरान की
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ओके::पदयात्रा के साथ संपन्न हुआ आनंद मार्ग का महा धर्मसम्मेलन
संवाददाता, गोड्डास्थानीय नगर भवन में दो दिवसीय आनंद मार्ग के महाधर्म सम्मेलन के अंतिम दिन शहर में पदयात्रा निकाली गयी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह आनंद मार्ग संस्था अध्यक्ष किंसुक रंजन सरकार ने कहा कि साध्य, साधक तथा साधन और साधक की स्थिति अनिवार्य है. साध्य अर्थात लक्ष्य केवल पूर्ण सत्ता ही हो सकती है. […]
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