– समशुल अंसारी –
गिरिडीह : जिले में एक तरफ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जहां कुछ नये पिकनिक स्पॉट्स को टूरिस्ट स्पॉट का दरजा दिया जा रहा है, वहीं ब्रिटिशकाल का मशहूर क्रिश्चियन हिल अतीत के पन्नों में सिमट कर रह गया है. सरकार की ओर से इस पिकनिक स्थल के विकास के लिए कोई पहल नहीं की गयी और इसका महत्व घटता चला गया.
बनखंजो में है क्रिश्चियन हिल : शहर की उपनगरी पचंबा से एक किलोमीटर पूर्व तथा शास्त्रीनगर से आधा किलोमीटर उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित है यह क्रिश्चियन हिल. फिलहाल लोग इसे बनखंजो पहाड़ के नाम से जानते हैं.
क्रिश्चयन हिल की है कई विशेषता : ब्रिटिश शासन काल में यहां जाड़े के मौसम में अक्सर अंग्रेजों का आना-जाना लगा रहता था. विशेषकर क्रिसमस से लेकर नये साल तक यह स्थल पर्यटकों से गुलजार रहता था. यहां आनेवाले 60 फीसदी लोग क्रिश्चियन (ईसाई) होते थे, जो क्रिसमस के समय यहां वनभोज का आनंद उठाते थे. इसी कारण से इस स्थल का नाम क्रिश्चियन हिल पड़ा.
इस पिकनिक स्पॉट को हॉट पिकनिक स्पॉट भी कहा जाता था क्योंकि यहां सुबह से शाम तक लगातार तेज धूप रहती थी. इस पहाड़ी के एक ओर उसरी नदी है तो दूसरी ओर बड़ा मैदान (अब हवाई अड्डा) है. इस पहाड़ से दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर रोमन कैथोलिक चर्च और सीएनआई चर्च स्थित है. बड़ा दिन के बाद ईसाई समुदाय के लोग पिकनिक करना पसंद करते हैं.
निकटता के कारण अधिकांश क्रिश्चियन यहीं आते थे.
पत्थर उत्खनन और आबादी के बसने से घटी लोकप्रियता : सात दशक तक यहां जाड़े में लोगों का आना जारी रहा और जैसे- जैसे विदेशी ईसाई मिशनरियों का आना कम होता चला गया, लोग भी यहां कम आने लगे. इधर पत्थर व्यवसाय से जुड़े लोग इस पहाड़ पर पत्थर उत्खनन करने लगे, जिससे इसकी सुंदरता में ह्रास होने लगी. लोगों ने पहाड़ी के पास बसना शुरू कर दिया और पहाड़ी की तलहटी में घर भी बने गये.
इससे न केवल पहाड़ी की सुंदरता खत्म हुई है बल्कि यहां आनेवालों को भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सरकार ने भी खंडोली और वाटर फॉल को सजाया- संवारा और इस ऐतिहासिक हिल को उपेक्षित कर दिया.