– रिंकेश कुमार –
गिरिडीह : अबरख नगरी व कोयलांचल के नाम से प्रसिद्ध गिरिडीह में शारदीय नवरात्र की तैयारी जोर–शोर से चल रही है. शारदीय नवरात्र का बड़ा महत्व हैं. यही वजह है कि शारदीय नवरात्र के आते ही विभिन्न पूजा समितियां तैयारी में जुट जाती हैं.
इस वर्ष पांच अक्तूबर को कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र शुरू हो जायेगा. इसे देखते हुए एक ओर जहां बैठक कर विभिन्न पूजा समितियों का पुनर्गठन कर सदस्यों को जिम्मेवारी सौंपी जा रही हैं.
वहीं विभिन्न पूजा स्थलों पर भव्य पंडाल भी बनाये जा रहे हैं. शहर के स्टेशन रोड स्थित एकेडमी परिसर में सुरो सुंदरी इंस्टीट्यूट द्वारा पूर्व की भांति इस वर्ष भी भव्य व आकर्षक पंडाल बनाया जा रहा हैं. वहीं शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न दुर्गा स्थानों पर पूजा की तैयारियां भी जोर–शोर से चल रही हैं.
पूजा समितियों का हुआ पुनर्गठन : शारदीय नवरात्र को देखते हुए विभिन्न पूजा समितियों का पुनर्गठन किया गया हैं. आइसीआर रोड स्थित श्रीश्री दुर्गा मंडप पूजा समिति का पुनर्गठन कर राजेंद्र गुप्ता को अध्यक्ष, रवि पिलानिया को सचिव, विजय पिलानिया को कोषाध्यक्ष, विक्रम साहू को उपाध्यक्ष, नरेश राम व रमेश वर्मा को सहसचिव मनोनीत किया गया.
इसके अलावा कमेटी में कई लोगों को भी शामिल किया गया है. अष्टमी के दिन यहां छउ नृत्य का आयोजन होगा. इधर एकेडमी ग्राउंड में सुरो सुंदरी इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष दुलाल चौधरी व सचिव पंकज ताह सहित अन्य सदस्यों की देख–रेख में पूजा की तैयारी की जा रही हैं.
जबकि बरमसिया स्थित विजय इंस्टीट्यूट में पूजा समिति के अध्यक्ष विजय साह, सचिव राजेंद्र त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष शिवाजी विश्वास के अलावा समिति के अरुण कुमार गुप्ता, मुकुंद सिंह, देवाशीष विश्वास, सावेल गुप्ता पूजा की तैयारी में जुटे हुए हैं. वहीं पचंबा गढ़ मुहल्ला में समिति के संरक्षक राजकिशोर राम, अध्यक्ष कमल बगेड़िया, सचिव राजकिशोर साहू, कोषाध्यक्ष संजय सिंह आदि की देख–रेख में तैयारी चल रही है.
प्रतिमा को मूर्त रूप देने में जुटे हैं मूर्तिकार : स्टेशन रोड स्थित अंटा बंगला परिसर में कोलकाता से आये हुए मूर्तिकार इंद्रपाल मुखर्जी अपने सहयोगियों के साथ मां दुर्गा सहित अन्य देवी–देवताओं की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं.
वहीं आईसीआर रोड स्थित श्रीश्री आदि दुर्गा मंडप, छोटकी दुर्गा मंडप, बरमसिया स्थित श्री रक्षित दुर्गा मंडप, पचंबा गढ़ दुर्गा मंडप, बरगंडा सार्वजनिक दुर्गा मंडप समेत कई दुर्गा स्थानों पर भी बंगाल से आये मूर्तिकार द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं.
तिसरी. तिसरी स्थित दुर्गा मंडप का निर्माण अंगरेजों के शासनकाल में हुआ था. तब से यहां धूमधाम से दुर्गापूजा का आयोजन किया जाता रहा है. पहले यहां क्रिश्चियन माइका इंडस्ट्री नामक माइका माइंस थी. माइंस में काम करने वाले बंगाली समुदाय के लोगों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से सबसे पहले दुर्गापूजा शुरू की.
पूजा समिति के अध्यक्ष मोहन वर्णवाल ने बताया कि विजयादशमी के दिन यहां भक्ति जागरण कार्यक्रम होगा. उन्होंने कहा कि पूजा के सफल आयोजन में समिति के राजेश सिंह, बैकुंठ अग्रवाल, मुन्ना मोदी, संजीत, पंकज, प्रवीण, शंकर, रिंकू, विकास, पप्पू, कारू वर्णवाल आदि लोग जुटे हुए हैं.