– प्रमोद अंबष्ट –
गिरिडीह : पिताजी किसान थे. वे हमेशा समाजसेवा की बात कहा करते थे. उन्हीं से प्रेरित होकर शिक्षा के क्षेत्र को चुना. यह कहना है कालू राम मोदी मेमोरियल वनांचल इंटर कॉलेज गिरिडीह के व्याख्याता प्रो छोटू प्रसाद साहू का. वे कहते हैं कि शिक्षादान भी एक तरह की समाजसेवा ही है.
जब तक लोग शिक्षित नहीं होंगे तब तक एक स्वच्छ समाज की परिकल्पना करना असंभव है. वर्ष 1957 में तिसरी प्रखंड अंतर्गत पलमरूआ के एक किसान परिवार में जन्मे श्री साहू ने कहा कि वर्ष 1974 में उच्च विद्यालय तिसरी बरमसिया से मैट्रिक, 1976 में गिरिडीह कॉलेज से आइए, वर्ष 1978 में रांची कॉलेज रांची से बीए अर्थशास्त्र से पास किया.
वहीं 1983 में रांची विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया. इसके बाद 06.04.1984 को वनांचल इंटर कॉलेज में बतौर लेरर योगदान दिया. सामाजिक कार्यो में गहरी रुचि रखने वाले श्री साहू का कहना है कि शिक्षक बनने की तमन्ना बचपन से ही थी.
एमए करने के बाद कॉलेज में लेरर बना और तब से लेकर आज तक बच्चों के बीच ज्ञान बांट रहा हूं. वे कहते हैं कि ज्ञान बांटने से ज्ञान बढ़ता है.