क्षेत्र में मचा हाहाकार
मधुबन : मधुबन में मोटर जल जाने से पिछले 15 दिनों से पेयजलापूर्ति ठप है. पेयजलापूर्ति बंद होने से क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है. मधुबन के प्राय: सभी संस्थाओं द्वारा टैंकर से पानी लाया जा रहा है और इसी पानी से यात्रियों का काम चल रहा है. बता दें कि बराकर नदी से पाइप द्वारा खपैबेड़ा गांव में बने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को इकट्ठा किया जाता है
इसके बाद पानी को फिल्टर कर पारसनाथ पर्वत की तलहटी में बनी टंकी में स्टोर किया जाता है. यहां से मधुबन, बिरनगड्डा, खपैबेड़ा, पीरटांड़, चिरकी समेत दर्जनों गांव व टोलों में पेयजलापूर्ति की जाती है. हालांकि मोटर जल जाने से टंकी में पानी स्टोर नहीं हो पा रहा है.
बता दें कि क्षेत्र के करीब सात हजार से अधिक ग्रामीणों के अलावा हजारों तीर्थ यात्री पेयजलापूर्ति पर निर्भर है. पेयजलापूर्ति बंद हो जाने के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. इससे लोगों में आक्रोश है. जैन समाज मधुबन के अध्यक्ष सतेंद्र कुमार जैन, सचिव अतुल कुमार जैन व कोषाध्यक्ष मनोज कुमार जैन ने मंगलवार को बताया कि वर्तमान समय में मधुबन के सभी संस्थाओं में दो से तीन हजार श्रद्धालु भगवान की वंदना कर रहे हैं.
ऐसे श्रद्धालुओं को नदी-नाला का पानी पीना पड़ रहा है. 28 दिसंबर को मधुबन के विमल समाधि में कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में करीब दस हजार श्रद्धालुओं के आने की सूचना है. उन्होंने पेयजल व स्वच्छता प्रमंडल तथा जिला प्रशासन से मांग किया कि यथाशीघ्र मधुबन में पेयजलापूर्ति सुनिश्चित करें. अन्यथा विभाग के सहायक अभियंता के कार्यालय का घेराव किया जायेगा.