गिरिडीह : जिले में गैरमजरूआ खास रैयती जमीन को प्रतिबंधित सूची में डाले जाने और उसकी रजिस्ट्री पर रोक लगा दिये जाने के बाद जरूरतमंद लोग अन रजिस्टर्ड सेल डीड के जरिये जमीन की खरीद-बिक्री करने को विवश हैं. जिन रैयतों ने जमींदारों या उनके वंशजों से जमीन ली थी या जिन्हें अपने पूर्वजों से गैरमजरूआ खास जमीन हासिल हुई थी, वे आज जरूरत पड़ने पर भी अपनी जमीन बेच नहीं पा रहे हैं.
सरकार की अदूरदर्शिता के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे कई परिवार परेशान हैं. मजबूरी में जरूरतमंदों ने रजामंदी के आधार पर अनरजिस्टर्ड सेल डीड (खोस्क केवाला) के जरिये जमीन की खरीद-बिक्री शुरू कर दी है. ऊंची कीमत की जमीन को औने-पौने दाम में बेचने को विवश हैं. जानकारी के अनुसार जिले में सबसे ज्यादा गैरमजरूआ खास जमीन के ही रैयत हैं और सरकार ने गैरमजरूआ खास रैयती जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है, जिसका काफी असर गिरिडीह जिले पर भी पड़ा है.