मृणाल कुमार : गिरिडीह : गिरिडीह कॉलेज के अधिकांश काउंटरों के कमरेपूरी तरह से जर्जर हो गये हैं. कई कमरों की खिड़कियां तक टूट गयी हैं. बावजूद इस ओर न तो कॉलेज प्रशासन का ध्यान जा रहा है ओर न ही कोई छात्र संगठन इसके लिए आवाज उठा रहा है. यहां के छात्रों का कहना है कि कॉलेज में वैसे तो कई बार आंदोलन, हड़ताल व धरना-प्रदर्शन हो चुका है, लेकिन जिस समस्या के समाधान के लिए सभी को मिलकर आवाज उठानी चाहिए उसके लिए कोई भी आवाज उठाने को तैयार नहीं होता है.
आज कॉलेज के कर्मी जान जोखिम में डालकर काम करने को विवश हैं, वहीं जर्जर दीवारों के पास छात्र-छात्राओं को घंटों कतार में लगा रहना पड़ता है. कई बार तो छत का हिस्सा टूट कर गिरता रहता है. आंशिक रूप से छात्र-छात्राएं चोटिल भी हुए हैं. कॉलेज प्रशासन की अनदेखी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित कर रही है.
इस संबंध में काउंटर पर कार्यरत कर्मियों ने बताया कि कॉलेज के अधिकांश कमरों में तो सारी सुविधाएं उपलब्ध करा दी गयी हैं, लेकिन हमारी इस समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है. कर्मचारी अभय सिन्हा, जयप्रकाश नारायण, जानकी, कामदेव ठाकुर, दिवाकर, जयशंकर मिश्रा ने बताया कि इसे लेकर कई बार कॉलेज प्रशासन को आवेदन दिया गया है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.
हम सभी जान जोखिम में डालकर काम करने को विवश है. इधर गुरुवार को कॉलेज पहुंचे राहुल कुमार, पंकज कुमार, रवि कुमार, अनिल कुमार, पिंटु कुमार, लक्ष्मी कुमारी, पूजा कुमारी आदि छात्र-छात्राओं ने बताया कि जब कॉलेज में नामांकन या फिर किसी परीक्षा फाॅर्म भरने का समय रहता है तो काफी भीड़ हो जाती है. काउंटर के सामने बना ग्रिल भी पूरी तरह से टूट गया है. अगर जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है.