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चापाकल में लगाया जा रहा लाल चिह्न
लोगों को पानी पीने से किया गया मना गढ़वा : जिले में 393 टोलों का पानी पीने लायक नहीं है़ यहां का पानी लोगों के लिए धीमा जहर का काम कर रहा है़ पेयजल व स्वच्छता विभाग की ओर से करायी गयी पानी जांच में जिले के 15 प्रखंड के 393 टोलों में पाया गया […]
लोगों को पानी पीने से किया गया मना
गढ़वा : जिले में 393 टोलों का पानी पीने लायक नहीं है़ यहां का पानी लोगों के लिए धीमा जहर का काम कर रहा है़ पेयजल व स्वच्छता विभाग की ओर से करायी गयी पानी जांच में जिले के 15 प्रखंड के 393 टोलों में पाया गया कि वहां का पानी पीने लायक नहीं है़ वहां के पानी में फ्लोराइड निर्धारित मात्रा से ज्यादा है़, जिसके पीने से लोगों में विकलांगता आ सकती है़ उनकी हड्डियां कमजोर होती हैं तथा हल्की चोट लगने के बाद ही वो टूट जाती है़
इसके अलावा बुढ़ापा भी समय से पहले आ जाता है़ चिह्नित किये गये टोलों के चापाकलों पर लाल रंग लगा दिया गया है़ साथ ही लोगों को उसका पानी पीने से मना कर दिया गया है़ लेकिन इसके विकल्प के रूप में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है़ फ्लोराइड से सर्वाधिक प्रभावित प्रखंड मेराल है़ यहां के 124 टोलों में लगाये गये सभी चापाकलों पर लाल मार्का लगाया गया है़ जिले के कांडी, खरौंधी, डंडई व डंडा प्रखंड को फ्लोराइड युक्त पानी से मुक्त बताया गया है़
जहां फ्लोराइड की मात्रा अधिक है
फ्लोराइड की मात्रा सर्वाधिक गढ़वा प्रखंड के प्रतापपुर स्थित मौनाहा टोला में 11 पीपीएम है़
बताया जाता है कि 1.5 पीपीएम से ज्यादा फ्लोराइड की मात्रा होने के बाद वह पानी दूषित हो जाता है़ मेराल प्रखंड के 124 टोलों के अलावा गढ़वा प्रखंड के तीन टोले, भंडरिया के 71 टोले, भवनाथपुर के 27, चिनियां के 27, धुरकी के 24, केतार के सात, मझिआंव के तीन, नगरउंटारी के 12, रमकंडा के 25, विशुनपुरा के 26, सगमा के दो तथा रमना व रंका के एक-एक टोला में लगाये गये चापाकलों में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा पायी गयी है़
अब तक 60 लोगों की हो चुकी है मौत
फ्लोराइड प्रभावित जल का सेवन करने के बाद से जिले में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है़ सर्वाधिक मौत प्रतापपुर के मौनाहा टोला में हुई है़ यहां 56 लोग पानी से उपजी बीमारी की वजह से मारे गये है़ं इसके अलावा नगरऊंटारी के गरबांध व मेराल के बौराहा गांव में भी फ्लोराइड युक्त जल पीने से चार लोगों की असामायिक मौत हुई है़ यहां के लोगों के शरीर टेढ़े-मेढ़े हो गये हैं तथा वे चार साल की उम्र में ही 60-70 साल के बूढ़े की तरह दिखने लगे है़ं
टैंकर भेजने की व्यवस्था की जा रही है : डीसी
इस संबंध में उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा कि प्रभावित टोला के चापाकलों में लाला मार्का लगाते हुए लोगों को इसका पानी सेवन नहीं करने की सलाह दी है़ साथ ही यहां टैंकर से पानी भेजने की व्यवस्था की जा रही है़ ग्रामीण जलापूर्ति योजना से पाइप लाइन से पानी आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है़
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