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65 हजार आबादी को नहीं मिल रही सुविधा
नौ साल में भी नहीं बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन डंडई : डंडई प्रखंड में पांच करोड़ की लागत से बन रहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिछले नौ साल में भी बन पाया है़ इसके कारण प्रखंड के लोगों में भारी क्षोभ है़ विदित हो कि हेमेंद्र प्रताप देहाती ने अपने स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल […]
नौ साल में भी नहीं बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन
डंडई : डंडई प्रखंड में पांच करोड़ की लागत से बन रहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिछले नौ साल में भी बन पाया है़ इसके कारण प्रखंड के लोगों में भारी क्षोभ है़ विदित हो कि हेमेंद्र प्रताप देहाती ने अपने स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल के दौरान इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन के लिए स्वीकृति प्रदान की थी़ कार्य भी शुरू हुआ, लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ़
ग्रामीणों का कहना है कि जिस पुराने छोटे भवन में स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है, वह काफी जर्जर है़
पर्याप्त जगह भी नहीं है़ वहां रोगियों को बैठने व भरती करने के लिए कमरे का अभाव है़ विशेषकर प्रसव के लिए आयी महिलाओं को इस छोटे केंद्र में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है़ गौरतलब है कि प्रखंड मुख्यालय से लवाही, रारो, पचौर, जरही, बौलिया, टोरीकला, झोतर, तसरार, सोनेहारा, जरदे, करके, बैलाझखड़ा, बैलियादामर सहित करीब 65 हजार की जनसंख्या यहां के दूर-दराज के गांवों से इलाज कराने यहां पहुंचती है, लेकिन यहां सुविधा के अभाव में उन्हें निराश होना पड़ता है़ गरीब मरीज गढ़वा नहीं जा पाते हैं, जिसके कारण उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ता है या तो उन्हें निराश होकर घर लौटना पड़ता है या झोला छाप चिकित्सकों से इलाज करानी पड़ती है़
2007 में हुआ था शिलान्यास
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही के पिता हेमेंद्र प्रताप देहाती ने अपने कार्यकाल के दौरान करीब पांच करोड़ की लागत से बनने वाले इस स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास किया था़ लेकिन इसके बाद से नौ साल में भी भवन अधूरा रह गया़ इस बीच सरकार भी बदलती रही, लेकिन स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका़
क्या कहते हैं ग्रामीण
स्वास्थ्य सुविधा का अभाव झेल रहे बालेखाड़ निवासी बिंदु कुमार रवि ने कहा कि सरकार का ध्यान डंडई प्रखंड जैसे पिछड़े इलाकों के लिए नहीं है़ नौ साल में भी स्वास्थ्य केंद्र भवन का पूरा नहीं होना सरकार की भारी उपेक्षा है़ लवाही निवासी राहुल कुमार ने कहा कि उनके क्षेत्र में कई बड़े-बड़े नेता आते रहते हैं, लेकिन इसके बाद भी किसी ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया़
जबकि डंडई निवासी अंजु देवी ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र भवन पूरा नहीं होने के पीछे अस्पताल के ठेकेदार व विभाग दोषी है. जगह के अभाव में यहां प्रसव पीड़ा में आयी महिलाओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है़ इधर जरदे गांव के वार्ड पार्षद चुनमुन चौधरी ने कहा कि अस्पताल भवन नहीं बनने के पीछे स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही व स्थानीय नेताओं की कमी जिम्मेदार है़ कम से कम स्थानीय नेताओं को इस संबंध में आवाज उठाना चाहिए.
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