गोदरमाना(गढ़वा) : रमकंडा प्रखंड के बलिगढ़ व बिराजपुर पंचायत में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. आये दिन जंगली हाथियों का समूह किसी न किसी गांव में पहुंचकर तबाही मचा रहे हैं. गुरुवार को हाथियों का समूह रात्रि सात बजे गोबरदाहा पहुंचा, जहां स्थानीय लोगों ने उन्हें आग जलाकर वहां से भगाया. इसके बाद उक्त झुंड रात्रि 10 बजे कुशवार गांव पहुंचा.
वहां खेतों में लगे धान को रौंदते हुए नयूम अंसारी के खेत में जा पहुंचे, जहां रखे लगभग 500 बोझों को रौंद डाला. नयूम अंसारी ने बताया कि बारिश के पानी से बचाने के लिए धान को तिरपाल से ढक कर रखे हुए थे.
तिरपाल को भी हाथियों ने फाड़ डाला. उन्होंने कहा कि वे पांच एकड़ खेतों में लगे धान को कटवाकर रखे हुए थे. हाथियों के झुंड द्वारा पिछले एक माह के दौरान उक्त गांव में 60-70 एकड़ खेत में लगे धान को रौंद डाला है. इनमें मंसूर का आठ एकड़, इम्तेयाज का 6.5 एकड़, बाबर का आठ एकड़, हैदर का तीन एकड़, दिलीप सिंह का चार एकड़, बिशुन सिंह का दो एकड़, बालेश्वर सिंह का दो एकड़ के नाम शामिल हैं.
लेकिन अभी तक वन विभाग द्वारा इन हाथियों को भगाने का कोई प्रयास नहीं कि या गया है. विदित हो कि इस जिले के किसान वैसे ही सुखाड़ व अकाल से जूझ रहे हैं. ऐसे में थोड़ी-बहुत बची फसल को हाथियों के द्वारा बबार्द कर दिया जा रहा है. इससे किसानों की कमर टूट गयी है.