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आलू 24, टमाटर 60 रुपये

सब्जी के दाम उछले, रसोई का बजट लुढ़का गढ़वा : सब्जी के दाम आसमान छू रहे हैं. इस भाव से गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार बेहाल होता जा रहा है. ऐसे लोग अब झोले में नहीं पॉलिथीन में किलो, दो किलो सब्जी खरीदने को विवश हैं. जुलाई के पहले सप्ताह से अचानक सब्जियों के भाव में […]

सब्जी के दाम उछले, रसोई का बजट लुढ़का

गढ़वा : सब्जी के दाम आसमान छू रहे हैं. इस भाव से गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार बेहाल होता जा रहा है. ऐसे लोग अब झोले में नहीं पॉलिथीन में किलो, दो किलो सब्जी खरीदने को विवश हैं. जुलाई के पहले सप्ताह से अचानक सब्जियों के भाव में आयी उछाल से लोग हतप्रभ हैं. सब्जी खरीद रहे कई लोगों ने कहा कि बस किसी तरह काम चलाने के लिए थोड़ी-बहुत सब्जी ले रहे हैं.

सब्जी के भाव इतने ऊंचे हो गये हैं कि आम लोगों के बजट से यह काफी दूर होते जा रहा हैं. कई गरीब तबके के लोगों ने कहा कि वे दिन भर में 100 रुपया भी नहीं कमा पाते ऐसे में 60 रुपये किलो टमाटर तो उनके लिए सपना हो गया है. हर तरफ हो रही मूल्य वृद्धि व बाजार पर कोई नियंत्रण नहीं होने के कारण सब्जियां महंगी हो रही हैं. स्थानीय स्तर पर कम सब्जी का उत्पादन भी इसका दूसरा महत्वपूर्ण कारण है. वर्तमान में यहां रांची जिले से सब्जी की आपूर्ति हो रही है.

डीजल के लगातार मूल्य वृद्धि के कारण ट्रांस्पोर्टिंग खर्च बढ़ने के कारण भी सब्जी महंगी हुई है. वहीं जिले के अरंगी, मेराल तथा गढ़वा का जाटा व टंडवा सब्जी उत्पादन के लिये जाना जाता है. यहां की सब्जियां समीपवर्ती राज्य छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, उत्तर प्रदेश के रेणुकूट तथा बिहार के औरंगाबाद शहर तक भेजी जाती हैं. लेकिन संसाधन के अभाव में यहां सब्जियों का उत्पादन ठप हो गया है. यहां बारिश पर आधारित सब्जियां हीं उगायी जाती हैं.

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