जादूगोड़ा : आदिवासियों की अधिग्रहीत भूमि पर से बाहरी लोगों को हटाने समेत 16 सूत्री मांगों को लेकर राजस्व ग्राम मेचुआ ग्रामसभा के नेतृत्व में मंगलवार को हुई यूसिल प्रबंधन संग हुई वार्ता सकारात्मक रही. इससे पूर्व मेचुआ ग्रामसभा के नेतृत्व में नौ गांवों के ग्रामीणों ने पारंपरिक हथियारों से लैस होकर जुलूस निकाला.
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आदिवासियों की अधिग्रहीत भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराये प्रबंधन
जादूगोड़ा : आदिवासियों की अधिग्रहीत भूमि पर से बाहरी लोगों को हटाने समेत 16 सूत्री मांगों को लेकर राजस्व ग्राम मेचुआ ग्रामसभा के नेतृत्व में मंगलवार को हुई यूसिल प्रबंधन संग हुई वार्ता सकारात्मक रही. इससे पूर्व मेचुआ ग्रामसभा के नेतृत्व में नौ गांवों के ग्रामीणों ने पारंपरिक हथियारों से लैस होकर जुलूस निकाला. इसमें […]
इसमें संयुक्त विस्थापित बेरोजगार संघ, लिपिघुटू ग्रामसभा, चाटीकोचा ग्रामसभा, तिलाइटांड ग्रामसभा, सिताडांगा ग्रामसभा, कुलगोड़ा ग्रामसभा, कोकदा ग्रामसभा, कालापाथर ग्रामसभा, जोबला ग्रामसभा के मांझी बाबा व ग्रामीण शामिल थे. ग्रामीणों ने पहले मेचुआ गांव में सभा की. इसके बाद जुलूस की शक्ल में पारंपरिक हथियारों से लैस होकर यूसिल अस्पताल चौक पहुंचे. जहां यूसिल प्रबंधन ने वार्ता के लिए 11 विस्थापित प्रतिनिधियों को कंपनी में बुलाकर वार्ता की, जो सकारात्मक रही.
मांगों पर प्रबंधन दिया सकारात्मक आश्वासन_विस्थापितों संग वार्ता में यूसिल प्रबंधन ने सभी मांगों पर चर्चा करते हुए उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया. साथ ही इस पर अलगी वार्ता फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में करने की बात कही. वार्ता में यूसिल प्रबंधन की अोर प्रबंधक कार्मिक एस पांडा, डी हांसदा, जीसी नायक, महेश साहु तथा विस्थापितों की अोर से कुशल सोरेन, दुर्गा महाली उर्फ जैकी दा, के मार्डी, नरेश मुर्मू, सीआर मांझी, डीसी मुर्मू, बहादुर सोरेन, जगत मार्डी, कारू सोरेन, माधुुरी कालिंदी एवं दिकु माझी शामिल थे.
ये हैं मांगें: कंपनी द्वारा आदिवासियों के अधिग्रहीत भूमि पर से बाहरी व्यक्तियों का कब्जा हटाने, प्रभावित गांवों में नल से पानी देने, सिंचाई की व्यवस्था करने, ग्रामसभा भवन बनाने, जाहेरथान की घेराबंदी, मैट्रिक पास और उच्च शिक्षा प्राप्त युवक-युवतियों को प्रशिक्षित कर स्थायी नौकरी देने, विस्थापितों को नौकरी देने, खेलकूद का प्रशिक्षण देने, पक्की सड़के बनाने, महिलाओं को प्रशिक्षित कर स्वावलंबी करने, सीएसआर योजना को ग्रामसभा से संचालित करने, दिव्यांगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधा देने और चाटीकोचा एवं एक अन्य को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास करने आदि मांगें की गयी हैं.
ये थे मौजूद _जुलूस में मुख्य रूप से लेदरा सोरेन, कुशल सोरेन, दुर्गा महाली, मधु सोरेन, कारू सोरेन, बहादुर सोरेन, कुमार चंद्र मार्डी, नरेश मुर्मू, सीआर मांझी, सोमाय सोरेन, कुंती देवी, सुदाम सोरेन, बुद्धनाथ मुर्मू, सालुका हेंब्रम, साहेब राम हांसदा, सुराई मार्डी, राजेश्वर कालिंदी, मनोज उरांव आदि महिला-पुरुष शामिल थे.
सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम
जुलूस को लेकर अस्पताल चौक के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. चौक पर बैरियर लगा दिया गया था, ताकि जुलूस में शामिल लोग कंपनी गेट तक नहीं पहुंच सकें. बैरियर के पास सीआइएसएफ के जवानों के अलावा कंपनी के निजी सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था. सीआइएसएफ के सहायक कमांडेंट राहुल कुमार वर्मा और कंपनी के अपर सुरक्षा अधिकारी जीसी नायक ने स्वयं सुरक्षा की कमान संभाल रखी थी.
मांगों पर हो ठोस पहल, नहीं तो अग्र आंदोलन : कुशल
मेचुआ ग्रामसभा सचिव कुशल सोरेन ने कहा कि ग्रामीणों के माध्यम से आदिवासियों की अधिग्रहीत भूमि खाली कराने समेत 16 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया है. इन मांगों पर जल्द ही कोई ठोस पहल नहीं की जाती है, तो यूसिल के विरुद्ध उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे
यूसिल कोई काम नहीं करती : दुर्गा महाली
संयुक्त विस्थापित बेरोजगार संघ के सचिव दुर्गा महाली उर्फ जैकी दा ने कहा कि यूसिल प्रबंधन आदिवासियों के विकास के लिए कोई काम नहीं करती. यूसिल प्रबंधन द्वारा आदिवासियों का अधिग्रहीत भूमि को अतिक्रमित कर लिया गया है. उस जमीन को प्रबंधन जल्द अतिक्रमण मुक्त कराये.
सफल नहीं होने देंगे साजिश : डीसी मुर्मू
गांव राज्य परिसर सह सिद्धू–कान्हु हूल के डीसी मुर्मू ने कहा कि यहां के आदिवासियों को बेघर बनाने के लिए और इनका हक मारने के लिए सरकार, प्रशासन और यूसिल प्रबंधन द्वारा साजिश की जा रही है. इसे कभी सफल नहीं होने दिया जायेगा. अब ग्रामीण एकजुुट हो चुके हैं.
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